दिल्ली के भीतर एमसीडी के आंकड़ों के हिसाब से बीते हफ्ते मलेरिया के 12 नए मामले सामने आए हैं. इन सारे मामलों में जहां 1 शख्स दिल्ली का है तो वहीं 11 अन्य राज्यों के हैं. दिल्ली में अब तक मलेरिया के कुल 125 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 63 दिल्ली के हैं और 62 केस दूसरे राज्यों के हैं. दरअसल, डेंगू और चिकनगुनिया के लार्वा तो साफ पानी में ही पनपते हैं लेकिन मलेरिया के मच्छर गंदगी और किसी भी तरह के ठहरे पानी में पनपते हैं. बीते हफ्ते हुई बारिश की वजह से दिल्ली में जगह-जगह पानी भर जाने से मलेरिया का खतरा बढ़ गया है.
आज तक की टीम ने जब इस बीच उत्तरी दिल्ली के मुकुंदपुर इलाके का दौरा किया तो पाया कि वहां गंदगी के बीच बारिश के बाद ठहरे हुए पानी में बड़ी तादाद में मच्छरों को पनपते हुए देखा गया. जिस जगह मच्छर पनप रहे हैं वहां से पास में ही मुकुंदपुर, भलस्वा, जहांगीरपुरी और आजादपुर के साथ-साथ मॉडल टाउन जैसी पॉश कॉलोनियां भी हैं. तस्वीरों को देखते ही पता चलता है कि एमसीडी के दावे कागजों पर भले ही असरदार दिख रहे हो लेकिन जमीनी सच्चाई उसके बिल्कुल उलट है. इस बारे में जब हमने नॉर्थ दिल्ली की मेयर प्रीति अग्रवाल से बात की तो उन्होंने तस्वीरों के उलट ही बयान दिया. उन्होंने कहा कि नॉर्थ दिल्ली में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामले नहीं हैं. जबकि एमसीडी की ही रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ दिल्ली में 24 मलेरिया के मामले सामने आ चुके हैं.
यहां हम आपको बता दें कि बीते दो हफ्तों के भीतर ही दिल्ली में मलेरिया के 32 मामले सामने आ चुके हैं. जबकि डेंगू और चिकनगुनिया के मामले सैंकड़ा पार कर चुके हैं. जाहिर है एमसीडी भले ही सरकारी आंकड़ो के दम पर हवा-हवाई दावे कर रहे हो लेकिन बारिश और उमस के साथ-साथ जगह जगह भरे पानी ने दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया के साथ साथ मलेरिया का खतरा भी बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है.