दिल्ली सरकार ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पार्षदों के फंड में बढ़ोतरी वाले प्रस्ताव पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं. दिल्ली में शहरी विकास विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन के आदेश पर शहरी विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर को पत्र लिखा है. दिल्ली सरकार के डिप्टी डायरेक्टर ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को पार्षद फंड को 25 लाख से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ करने के प्रस्ताव को आर्थिक हालात ठीक होने तक रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.
डिप्टी डायरेक्टर ने पत्र में लिखा है, 'एक ऐसे समय में जब पूरा देश कोरोना के चलते आर्थिक संकट से गुज़र रहा है. MP और MLA फंड तक सस्पेंड हैं. उस समय में ऐसा फैसला समझ से परे है. आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते तीनों नगर निगम अपने स्टाफ को सैलरी तक नहीं दे पा रहे हैं.'
आपको बता दें कि इससे पहले आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित नॉर्थ एमसीडी द्वारा 25 लाख के पार्षद फंड को 600 फीसदी बढ़ाकर 1.5 करोड़ करने पर सवाल खड़े किए हैं. आम आदमी पार्टी के MCD प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा है कि कोरोना काल में BJP शासित केंद्र सरकार ने सांसदों का फंड रोक दिया था. इसी तरह दिल्ली सरकार ने विधायकों के फंड और कई योजनाओं पर रोक लगायी थी. ऐसे समय में पार्षदों का फंड बढ़ाना उन कर्मियों के साथ मजाक जैसा है जिन्हें सैलरी नहीं मिल पा रही है. इस बीच दिल्ली सरकार ने एक आदेश जारी कर उस प्रस्ताव को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं.
वहीं, दिल्ली भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि आम आदमी पार्टी नकारात्मक राजनीति कर रही है. दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने AAP के आरोप पर बयान जारी कर कहा, 'नगर निगमों को लेकर नकारात्मक राजनीति आम आदमी पार्टी की पहचान बन गई है और इस पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज दिल्ली के विकास के बारे में सोचने की बजाय केवल नगर निगमों को लेकर नित नये झूठ गढ़ने में लगे रहते हैं. जबकि कुछ समय पूर्व एक स्वतंत्र सर्वे में आम आदमी पार्टी के सभी पार्षदों के कामकाज का प्रदर्शन बहुत खराब पाया गया था.'
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने बताया कि उत्तरी निगम के द्वारा घोषित योजनाएं पूरी तरह से पारदर्शी हैं और सभी सत्तादल के साथ-साथ विपक्षी पार्षदों पर भी लागू होती हैं. ऐसे में भ्रष्टाचार की कोई संभावना नज़र नहीं आती है. इसी तरह सालाना पार्षद फंड की वृद्धि भी सभी पार्षदों के लिए हैं.