दिल्ली का मेयर चुनाव अभी तक विवाद का विषय बना हुआ है. एमसीडी चुनाव संपन्न हो गए, लेकिन मेयर का चयन नहीं हो पा रहा है. इसका बड़ा कारण आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच जारी तकरार है जिस वजह से सदन हर स्थगित हो जाता है. अब दिल्ली सरकार की तरफ से एलजी को तीन तारीखों का प्रस्ताव दिया गया है.
दिल्ली सरकार ने कहा है कि 3, 4 या 6 फरवरी को मेयर का चुनाव के लिए सदन बुलाएं. अब ये प्रस्ताव उस समय दिया गया है जब एमसीडी ने 10 फरवरी का प्रस्ताव पहले ही दिल्ली सरकार को भेज दिया है. ऐसे में तारीखों को लेकर एक अलग ही विवाद शुरू हो सकता है. जानकारी के लिए बता दें कि अब तक दो बार सदन स्थगित किया जा चुका है. पहली बार में तो आप और बीजेपी पार्षदों के बीच में हाथापाई की नौबत आ गई थी तो वहीं दूसरी बार पहले किसे शपथ दिलवाई जाए, इस विवाद ने वोटिंग नहीं होने दी. ऐसे में तारीख तय करना ही चुनौती बन गया है. उसके ऊपर प्रपोजल बनाम प्रपोजल की जंग ने इस विवाद को और लंबा खीच दिया है.
वैसे आम आदमी पार्टी का तो सीधा आरोप है कि बीजेपी द्वारा हार के डर की वजह से ही मेयर का चयन नहीं होने जा रहा है. इसी वजह से पार्टी ने 70 विधानसभाओं में एक पदयात्रा निकाली थी और लोगों को जागरूक करने का काम किया है. आम आदमी पार्टी का कहना था कि अबतक मेयर के चुनाव के लिए दो बार हाउस बुलाया जा चुका है, लेकिन बार-बार गुंडागर्दी की साजिश करके भाजपा मेयर का चुनाव नहीं होने दे रही है. यह ना सिर्फ दिल्ली के 2 करोड़ लोगों के जनादेश का अपमान है बल्कि उनका समय भी बर्बाद किया जा रहा है.
दूसरी तरफ ‘आप’ नेता आदिल अहमद खान ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि पिछले 15 सालों से एमसीडी में भाजपा का शासन था. भाजपा के अहंकार से तंग आकर दिल्ली की जनता ने इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत दिया.