दिल्ली में नगर निगम (MCD) में आज शुक्रवार को मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समति के लिए छह सदस्यों का चुनाव होना है. इसके लिए सुबह 11 बजे वोटिंग शुरू हो जाएगी. इसको लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. इस बीच कांग्रेस ने बड़ा ऐलान किया है. जिसमें कहा गया है कि पार्टी इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी. गुरुवार को इसका ऐलान करते हुए दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि कांग्रेस के निगम पार्षद सिविक सेंटर में होने वाले दिल्ली नगर निगम के लिए मेयर और डिप्टी मेयर सहित स्थायी समिति के होने वाले चुनावों का हिस्सा नहीं बनेगी.
उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने कांग्रेस को बीजेपी और आम आदमी पार्टी के खिलाफ समर्थन दिया है. जिसका सम्मान करते हुए हम मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के चुनाव से दूरी बनाऐंगे. दिल्ली की जनता ने केजरीवाल को बहुमत दिया तो केजरीवाल अपना मेयर बनाएं और दिल्ली की जनता की सेवा करें. बीजेपी और आप के विरोध के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने सदन में नाजिया दानिश को एमसीडी में कांग्रेस दल का नेता, शीतल को उपनेता और शगुफ्ता चौधरी को निगम में कांग्रेस पार्टी का चीफ विप नियुक्त किया है.
सफेद, हरे और पिंक कलर के होंगे बैलेट बॉक्स
बता दें कि दिल्ली नगर निगम के मुख्यालय सिविक सेंटर में एकीकृत नगर निगम के लिए पहली महिला मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होगा. जिसमें तीन तरह के बैलट बॉक्स होंगे. सफेद रंग का बैलट बॉक्स मेयर के लिए, हरे रंग का डिप्टी मेयर और सदन में स्टैंडिंग कमेटी के चुने जाने वाले 6 सदस्यों के लिए पिंक कलर का बैलट बॉक्स होगा. अधिकारियों का कहना है कि कोई भी वोटर कन्फ्यूज न हो, इसके लिए अलग-अलग पद के लिए अलग-अलग रंगों के बैलट बॉक्स बनाए गए हैं. सभी बैलट बॉक्स सीसीटीवी की नज़र में होंगे.
पहली बार पूरी दिल्ली के वार्ड पार्षद एक साथ सदन में
उपराज्यपाल के आदेश पर आज पहले चुने हुए 250 पार्षदों की शपथ होगी. उसके बाद मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होगा. ऐसा पहली बार होगा जब एकीकृत नगर निगम के कुल 250 चुने हुए पार्षद एक साथ हाउस में बैठे होंगे. इससे पहले उत्तरी व दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की बैठक इसी सदन परिसर में होती थी और तब वार्ड पार्षदों की संख्या दोनों निगमों में अलग-अलग 104 थी.
मेयर बनने के लिए चाहिए 138 वोट
दिल्ली नगर निगम में प्रथम नागरिक यानी मेयर बनने के लिए 138 वोट चाहिए. सभी निर्वाचित 250 पार्षद दिल्ली के 7 लोकसभा सांसद, तीन राज्यसभा सांसद और विधानसभा अध्यक्ष की ओर से 14 मनोनीत विधायक मेयर के चुनाव में वोट करेंगे. आम आदमी पार्टी के 134 जीते हुए पार्षदों के साथ मेयर पद के लिए उम्मीदवार शैली ओबरॉय की जीत पक्की मानी जा रही है. इसके पीछे आम आदमी पार्टी का बहुमत का नंबर है. 138 वोट पाने वाला उम्मीदवार 1 साल के लिए दिल्ली का मेयर बन जाता है, लेकिन इस बार चुनी जाने वाली मेयर का कार्यकाल केवल 3 महीने के लिए है. दिल्ली नगर निगम के एक्ट के मुताबिक मेयर का कार्यकाल हर साल 1 अप्रेल से शुरू माना जाएगा.
मेयर पद के उम्मीदवार
- रेखा गुप्ता (बीजेपी)
- शैली ओबेरॉय (AAP)
डिप्टी मेयर के उम्मीदवार
- कमल बागड़ी (बीजेपी)
- आले मोहम्मद इकबाल (AAP)
स्टैंडिंग कमेटी (6 सीटों पर सात उम्मीदवार)
- कमलजीत शेहरावत, गजेन्द्र दराल और पंकज लूथरा (बीजेपी)
- आमिल मलिक, रमिंदर कौर, मोहिनी जीनवाल और सारिका चौधरी (AAP)
प्रेफरेंशियल वोटिंग से चुने जाएंगे 6 सदस्य
मेयर और डिप्टी मेयर से अलग 6 सदस्यों के चुनाव के लिए प्रेफरेंशियल वोटिंग होगी. अब सवाल उठता है की आखिर Preferential Voting कैसे होती है और कैसे की जाती है? दरअसल, हर पार्षद उम्मीदवारों की लिस्ट में से अपना प्रिफरेंस चुनता है. अगर फर्स्ट प्रिफरेंस के आधार पर किसी उम्मीदवार को जीत नहीं मिलती तो उसके सैकंड, थर्ड और उसके आगे के प्रिफरेंस की गणना की जाती है.
10 मनोनीत पार्षदों ने ऐसे बदला ज़ोन का गणित
10 मनोनीत पार्षदों के दम पर बीजेपी जोन के चुनाव में बढ़त लेने के साथ ही स्थाई समिति के अध्यक्ष की जमीन तैयार करने में जुट गई है. नरेला और सिविल लाइन जोन में चार चार पार्षद मनोनीत हुए हैं तो वहीं सेंट्रल जोन में 2 पार्षद मनोनीत किए गए हैं. जिसके बाद सिविल लाइन जोन में पार्षदों की संख्या 19 हो गई है. इस ज़ोन में आम आदमी पार्टी के 9 पार्षद हैं तो वहीं भाजपा के 10 पार्षद हो गए हैं. जिससे यहां भाजपा का बहुमत मिल गई है. यही वजह है कि इस ज़ोन की वार्ड समिति अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और स्थाई समिति का सदस्य भाजपा का पार्षद बनना तय है.
नरेला जोन की स्थिति
इस ज़ोन में आम आदमी पार्टी की तरह भाजपा के भी 10 पार्षद हो गए हैं. साफ है वार्ड समिति के अध्यक्ष उपाध्यक्ष और स्थाई समिति के चुनाव का परिणाम ऐसी स्थिति में टॉस या फिर पर्ची निकालने के माध्यम से हो सकता है.
सेंट्रल जोन की स्थिति
Central Zone में पार्षदों की संख्या 25 से बढ़कर 27 हो गई है. यहां भी आम आदमी पार्टी का बहुमत नहीं रहा. लेकिन फिर भी वह सबसे बड़ी पार्टी है, लिहाजा जीत कैसे होगी, यह कांग्रेस के पार्षद तय करेंगे. यानी साफ है कि कांग्रेस पार्षद जिस दल का समर्थन करेंगे. उसका ही पार्षद वार्ड समिति का अध्यक्ष उपाध्यक्ष और स्थाई समिति का सदस्य चुना जाएगा इस जोन में आम आदमी पार्टी के 13 भाजपा के 12 और कांग्रेस के दो पार्षद हैं.