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MCD बजट में नए टैक्स प्रपोजल से विपक्ष भड़का, RWA भी नाराज

दिल्ली के तीनों नगर निगम के अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट अनुमानों में हाउस टैक्स में बढ़ोतरी की बात कही गई है. इसके अलावा हाउस टैक्स पर सेस और बेटरमेंट टैक्स लेने का भी प्रस्ताव रखा गया है. नगर निगमों के इस प्रपोजल से दिल्ली के आरडब्लूए एसोसिएशन नाराज हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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दिल्ली के तीनों नगर निगम के अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट अनुमानों में हाउस टैक्स में बढ़ोतरी की बात कही गई है. इसके अलावा हाउस टैक्स पर सेस और बेटरमेंट टैक्स लेने का भी प्रस्ताव रखा गया है. नगर निगमों के इस प्रपोजल से दिल्ली के आरडब्लूए एसोसिएशन नाराज हैं. इनकी आपत्ति है कि जब पहले से ही हाउस टैक्स लिया जा रहा है तो उस पर अतिरिक्त सेस और और बैटरमेंट टैक्स लेने की बात क्यों कही गई है. मॉडल टाउन आरडब्लूए के अध्यक्ष संजय गुप्ता कहते हैं कि यह जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम है. हर साल एमसीडी टैक्स लगाने का बहाना ढूंढती है, जबकि विकास कार्य दिल्ली में ना के बराबर हुए हैं.

निगमों में कौन से नए टैक्स लगाए जाने प्रस्तावित हैं?

उत्तरी दिल्ली नगर निगम में अगले वर्ष के लिए बजट अनुमानों में 1-2 पर्सेंट हाउस टैक्स बढाने का प्रपोजल दिया गया है. इसके अलावा एक प्रतिशत एजुकेशन सेस लगाने की बात कही गई है. वहीं, कमर्शियल प्रॉपर्टी पर 15-20 प्रतिशत किए जाने का प्रपोजल भी दिया गया है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम में हाउस टैक्स पर 20% सेस लगाने का प्रपोजल  अगले वित्तीय वर्ष के बजट के लिए दिया गया है.

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जबकि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में एक से दो प्रतिशत हाउस टैक्स बढाने का प्रपोजल दिया है, पढ़ाई के लिए एक पर्सेंट एजुकेशन सेस लगाने की भी बात कही गई है. वहीं, कमर्शियल प्रॉपर्टी पर टैक्स 15 से बढाकर 20 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित किया गया है. इसके अलावा तीनों ही नगर निगम अब प्रोफेशनल टैक्स भी लेंगी.

नए टैक्सों से बढ़ेगी आय- एमसीडी

दरअसल, इसके पीछे तीनों ही निगमों का कहना है कि इससे उनकी आय बढ़ेगी और प्रॉपर्टी के आसपास डेवलपमेंट करने के लिए उन्हें ज्यादा फंड मिलेगा. लेकिन सवाल यह है कि फिर हाउस टैक्स का औचित्य ही क्या है. क्योंकि इसी काम के लिए हाउस टैक्स लिया जाता है.

विपक्ष हुआ नाराज!

उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस पार्षद दल के नेता मुकेश गोयल कहते हैं कि बीजेपी को अपना भ्रष्टाचार नहीं दिखता है और यही वजह है कि हर साल नए टैक्स लगाने की कोशिश होती है. लेकिन हम इस साल भी इसका विरोध करेंगे. वहीं, एमसीडी में काबिज बीजेपी का कहना है कि यह तो प्रपोजल है. हमारा स्टैंड पिछले वर्षों की तरह ही है. पिछले वर्ष भी हमने कोई भी नाजायज टैक्स नहीं लगने दिया.

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