Delhi MCD Election Latest News: दिल्ली नगर निगम चुनाव अप्रैल में कब होंगे इसकी गुत्थी उलझती जा रही है. एकीकरण के बाद ही चुनाव संभव है या चुनाव के बाद भी एकीकरण हो सकता है. ये बड़ा सवाल है जहां पर आम आदमी पार्टी (एएपी) एकीकरण से पहले चुनाव की हिमायती है तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कहना है कि पहले एकीकरण हो, उसके बाद चुनाव.
'एकीकरण तो बहाना मकसद चुनाव टालना'
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा है कि एमसीडी चुनाव से बीजेपी क्यों भाग रही है. चुनाव करा लें. एकीकरण जब हो जाएगा, तब जो पार्षद अलग-अलग निगम में होंगे वो सभी एक हो जाएंगे.
'एकीकरण के विरोधी नहीं, चुनाव टालना गलत'
एएपी एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने सोमवार को पार्टी ऑफिस पर हुए विरोध प्रदर्शन पर कहा कि हम एकीकरण के विरोधी नहीं हैं, लेकिन इसके लिए चुनाव टालना गलता है. दुर्गेश पाठक का यह भी दावा है कि चुनाव होने की स्थिति में बीजेपी सिर्फ 50 सीटों पर सिमट जाएगी जबकि आम आदमी पार्टी को 250 सीटें मिलेंगी.
MCD चुनाव टालने का फैसला चुनाव आयोग का
वहीं, दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि चुनाव हमने कहां टाला. वो तो सेंटर के लेटर पर चुनाव आयोग का फैसला है. इसमें हम क्या कर सकते हैं. रिफॉर्म वो भी चुनाव के ठीक पहले के सवाल पर आदेश गुप्ता ने कहा कि पिछले कई सालों से एमसीडी के मेयर केंद्र को पत्र लिखते रहे हैं कि निगम की वित्तीय हालत ठीक नहीं है लिहाजा तीनों निगमों को एक कर दिया जाए.
अभी चुनाव होते हैं तो इसका सीधा फायदा आम आदमी पार्टी को मिलने की उम्मीद है जबकि 15 साल से एमसीडी में राज कर रही बीजेपी के पास एकीकरण के बाद चुनाव में जाने का फायदा मिलेगा लिहाजा पेंच फंसा हुआ है.
पिछले चुनाव में किसने जीतीं कितनी सीटें?
दिल्ली में पिछले एमसीडी चुनावों में, बीजेपी ने एक प्रभावशाली जीत दर्ज की, तीन निगमों में 272 वार्डों में से 181 जीतकर सत्ता में वापसी की. पार्टी की सबसे करीबी प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी (एएपी) ने केवल 49 वार्डों में जीत हासिल की. जबकि कांग्रेस ने चुनाव में 31 वार्डों में जीत हासिल की. निर्दलीय ने उत्तरी दिल्ली में तीन, दक्षिणी दिल्ली में चार और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में एक वार्ड में जीत हासिल की.