दिल्ली मेट्रो में काम कर रहे अनीस चौधरी की गंगाराम अस्पताल में दर्दनाक मौत हो गई. अनीस के परिजनों का आरोप है कि दिल्ली मेट्रो की बड़ी लापरवाही के चलते उसकी जान गई है. अनीस दिल्ली मेट्रो के पवार सप्लाई आइसोलेसन विभाग में कार्यरत थे. उन्होंने 27 जुलाई को दिल्ली मेट्रो में ज्वाइन की थी, जिसके बाद उनकी 20 से 25 दिन की रूल्स ट्रेनिंग हुई थी. इसके बावजूद उसे फरीदाबाद में मेट्रो के पवार रिविंग हाउस में 25 हजार वोल्ट वाली लाइन पर काम करने के लिए AGM पंकज गुप्ता ने जबरदस्ती चढ़ा दिया था.
इस दौरान लाइन पर करंट दौड़ रहा था. इसके चलते अनीस को तेज करंट लगा और वो बुरी तरह झुलस गए. इतना ही नहीं, मेट्रो की लापरवाही की हद तब हो गई, जब घटनास्थल पर कोई एंबुलेंस तक नहीं मिली. आनन-फानन में अनीस को किसी तरह सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जंहा वो एक दिन ICU में रहा. इसके बाद उसको ICU से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया.
बृहस्पतिवार को जब उसकी हालत ज्यादा खराब हुई, तो उसे गंगाराम अस्पताल लाया गया, जंहा कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गयी. इस मामले में मेट्रो कर्मचारी यूनियन का कहना है कि अक्सर दिल्ली मेट्रो में हादसे होते हैं, लेकिन प्रशासन इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. इस मामले में भी मेट्रो प्रशासन की बड़ी लापरवाही है.
यूनियन ने मामले में पुलिस को भी आड़े हाथों लिया. मामले में फरीदाबाद पुलिस पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि अभी तक इस मामले में कोई FIR तक दर्ज नहीं की गई है. अब यूनियन ने अनीस के इंसाफ के लिए दोषी अधिकारियो के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और दो करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की है.