दिल्ली मेट्रो में भीड़ ज्यादा है, तो दिक्कतें भी बहुत हैं, लेकिन ये समस्याएं इस लिए आती हैं क्योंकि मुसाफिर मेट्रो में सफर के नियमों का पालन नहीं करते. लेकिन अब लोग सही तरीके से सफर करें इसकी जिम्मेदारी दिल्ली मेट्रो ने चिंकी और पप्पी को सौंप दी है. जी हां चिंकी और पप्पी दो पपेट हैं, जो मेट्रो के गाइड बन गए हैं.
मेट्रो के मुसाफिरों को सफर के तरीकों और मेट्रो के कानून से रू-ब-रू कराने के लिए मेट्रो ने पपेट आर्टिस्ट्स को तैनात किया है. साथ ही मेट्रो में सामान्य तौर पर जिन नियमों का पालन नहीं होता या जो चीजें मेट्रों के मुसाफिरों के लिए तकलीफ की वजह बनती हैं, उनको ध्यान में रखकर पपेट शो तैयार किए गए हैं.
लोगों को अनुशासन सिखाएंगे पपेट
दिल्ली मेट्रो के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुज दयाल बताते हैं, कि पपेट शो के जरिए लोगों को मेट्रो के नियमों से रू-ब-रू कराने का तरीका बहुत कामयाब रहा है और यह प्रभावी भी है. जब दिल्ली में मेट्रो का आपरेशन शुरू हुआ, तब ये सबसे बड़ी चिंता थी कि लोग मेट्रो में अनुशासित तरीके से कैसे सफर करेंगे. क्योंकि मेट्रो की कामयाबी के लिए उसमें सफर करने वालों का अनुशासन बहुत जरूरी था. इसीलिए अभी तक मेट्रो के मुसाफिरों को जागरूक करने के लिए डीएमआरसी अलग-अलग तरीके अपनाती रही है.
फिल्म बनाकर भी कर चुकी है जागरूक
मेट्रो ने मुसाफिरों की जागरूकता के लिए बहुत सी छोटी-छोटी फिल्में भी बनाई और उनके जरिए नियमों की जानकारी दी. लेकिन पपेट शो सबसे ज्यादा लोकप्रिय रहा.
डीएमआरसी के मुताबिक मेट्रो स्टेशनों के बाहर के साथ ही उनकी कोशिश छोटे-छोटे बच्चों के बीच जाकर उन्हें मेट्रो में सफर के तरीके सिखाने की होती है, ताकि भविष्य के यात्री अनुशासित हों, साथ ही वो अपने घर परिवार वालों को भी मेट्रो के नियमों के बारे में बताएं और मेट्रो में सफर करते वक्त उन्हें नियमों का पालन करने के लिए कहें.
दिल्ली मेट्रो एनसीआर के 150 स्कूलों में इन पपेट का शो कर चुकी है और करीब 25 हज़ार स्कूली बच्चों को इसके ज़रिए मेट्रो के नियम कानूनों की जानकारी दे चुकी है. मेट्रो को इस पपेट कैंपेन के लिए स्कॉप पीआर अवार्ड भी मिला है.