मेट्रो ट्रेन दिल्ली की शान से ज्यादा जान है. रोज लाखों लोगों को उनकी मंजिल तक ले जाती है. लेकिन दिल्ली मेट्रो में आपकी प्राइवेसी खतरे में भी पड़ सकती है. यहां सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे से कई अश्लील एसएमएस बनाए गए, जिन्हें पोर्न साइट्स पर अपलोड कर दिया गया.
देश की राजधानी दिल्ली की जिंदगी बदल दी मेट्रो ने. बसों के धक्के खाती दिल्ली एयरकंडिशनर मेट्रो ट्रेन में सवार हुई, तो विकास की बुलंदियां इसके मिजाज में शामिल हो गई. मेट्रो दिल्ली की लाइफ-लाइन बन गई. लेकिन इसी लाइफ लाइन से ऐसी तस्वीरें छनकर बाहर निकलीं, जिसने मेट्रो को शर्मसार कर दिया.
जिसने देश की राजधानी में शान की सवारी देने वाली दिल्ली मेट्रो पर एक बदनुमा दाग लगा दिया है. सवाल उठता है कि...
क्या मेट्रो में लगे सीसीटीवी कैमरे से अश्लील तस्वीरें उतारी जा रही हैं?
क्या उन अश्लील तस्वीरों को एमएमएस की शक्ल दी जा रही है?
और क्या उन अश्लील एमएमएस को पोर्न साइट्स पर डाला जा रहा है?
इन सारे सवालों के जवाब मेट्रो की सवारी करने वालों को झकझोर देने के लिए काफी हैं. ये सवाल सीसीटीवी कैमरों की निगरानी करने वालों पर भी गंभीर सवाल उठा रहे हैं. ऐसा इसलिए कि मेट्रो ट्रेनों और स्टेशनों में क़ैद हुई लड़के-लड़कियों की आपत्तिजनक तस्वीरें, एमएमएस की शक्ल में दुनिया के सामने कैसे आ गई हैं. मेट्रो में सफर करने वाले इस खबर से परेशान हैं.
दिल्ली की मेट्रो रेल में लोगों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. उन कैमरों से ये पता लगाया जा सकता है कि कोई अपराधी किसी वारदात को अंजाम देने के मकसद से अंदर तो नहीं घुस आया. लेकिन उन सीसीटीवी कैमरों से अश्लील एमएमएस बन रहे हैं और इन्हें अपलोड किया जा रहा है पॉर्न साइट्स पर.
आजतक के हाथ लगी खबरों के मुताबिक, साल 2011 में ये तस्वीरें उस वक्त रिकॉर्ड हो गईं जब सीसीटीवी कैमरों से बेपरवाह कुछ प्रेमी जोड़े अश्लील हरकतें कर रहे थे. सीसीटीवी फुटेज को मोबाइल फोन से शूट करके उनकी वीडियो क्लिप बना ली गई और इंटरनेट पर मौजूद कुछ पॉर्न साइट्स पर अपलोड कर दिया गया.
फिलहाल, ऐसे 3 विडियो क्लिप का पता चला है जिनमें से 2 मेट्रो ट्रेन के भीतर रिकॉर्ड हुई हैं और तीसरा वीडियो ग्रीन पार्क मेट्रो स्टेशन की सुनसान जगह का है. लेकिन मेट्रो रेल के सूत्रों से मिल रही खबरों के मुताबिक, मेट्रो में अश्लील एमएमएस अभी ना जाने कितने प्रेमी जोड़ों का दिल दहला सकती है. क्योंकि ऐसी आशंका है कि तीन से ज्यादा एमएमएस पोर्न साइट्स पर अपलोड किए गए हो सकते हैं.
प्राइवेसी पर सीधे हमला है ये वारदात
ये सही है कि मेट्रो सफर को सुविधाजनक और आसान बनाने के लिए है. मेट्रो का इस्तेमाल भी इसीलिए होना चाहिए. लेकिन दिल्ली मेट्रो और इसकी सुरक्षा देख रही सीआईएसएफ सवालों के घेरे में है.
जब शाम का वजूद रात के अंधेरे में खोने लगता है, तब दिल्ली मेट्रो के सीसीटीवी कैमरों में कई बार वैसी तस्वीरें उतरने लगती हैं, जो बेहद आपत्तिजनक होती हैं. हद तो ये है कि सुरक्षा के लिए मेट्रो के जिन सीसीटीवी कैमरों में तस्वीरें कैद होती हैं, अगर उसमें कुछ अश्लील हुआ तो वो तस्वीरें पोर्न साइट्स तक पहुंच जाती हैं. यानी सीधे आपकी प्राइवेसी पर हमला. लेकिन कमाल की बात तो ये है कि मेट्रो रेल चलाने वाली दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन यानी डीएमआरसी और मेट्रो की सुरक्षा में लगी सेंट्रल इंडस्ट्रियल सेक्युरिटी फोर्स यानी सीआईएसएफ दोनों ही पल्ला झाड़ रहे हैं.
दिल्ली मेट्रो से चंद सवाल
लेकिन लोगों के अधिकारों की बात करने वाले इस घटना से बेहद खफा हैं. अगर दिल्ली के लोगों को सबसे ज्यादा किसी चीज पर भरोसा है, तो वो है दिल्ली मेट्रो रेल. लेकिन अब यही भरोसा सवाल कर रहा है कि...
- अति सुरक्षित मानी जाने वाली मेट्रो की सीसीटीवी फुटेज कैसे पोर्न साइट्स पर पहुंच गईं?
- इन तस्वीरों में अगर सुरक्षा पर कोई सवाल नहीं था, तो फिर इन्हें खत्म क्यों नहीं कर दिया गया?
- क्या दिल्ली मेट्रो के किसी भी बड़े अधिकारी को इसकी भनक नहीं थी कि मेट्रो में क्या चल रहा है?
- क्या मेट्रो की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सीआईएसएफ के किसी सीनियर अधिकारी ने इन तस्वीरों को नहीं देखा?
- क्या दो साल पुरानी तस्वीरों के मामले में ये जांच कराने की जहमत उठाई गई कि कैसे फुटेज लीक हो रही हैं?
लेकिन हद तो ये है कि अश्लील क्लिप्स ने डीएमआरसी और सीआईएसएफ की बोलती बंद कर दी है.
महिला आयोग ने डीएमआरसी को भेजा नोटिस
लेकिन महिला आयोग बेहद खफा है. महिला आयोग ने खुद पहल करते हुए डीएमआरसी को नोटिस भेज दिया है. महिला आयोग ने डीएमआरसी से दो हफ्तों में ही ऐक्शन टेकेन रिपोर्ट यानी एटीआर मांगा है.
महिला आयोग ने अपनी चिंता जताते हुए कहा है कि अगर मेट्रो की फुटेज ऐसे ही लीक होती रहीं तो महिलाओं के लिए मेट्रो में सफर करना मुश्किल हो जाएगा.
कायदे से तो दिल्ली मेट्रो और सीआईएसएफ को इस पर अपनी राय रखनी चाहिए. लेकिन सूत्रों से मिली खबरों के मुताबिक जहां सीआईएसएफ ये कहकर अपनी गर्दन बचाना चाहती है कि सीसीटीवी फुटेज पर नजर रखने की जिम्मेदारी भले ही उसकी है, लेकिन डाटाबेस तो डीएमआरसी के पास होता है. वहीं डीएमआरसी की सफाई है कि चूंकि सीआईएसएफ भी कंट्रोल रूम में फुटेज देखती है, लिहाजा सिर्फ डीएमआरसी पर ही सारा ठीकरा नहीं फोड़ा जा सकता.
हालांकि महिला आयोग की सक्रियता से दिल्ली मेट्रो और सीआईएसएफ की सच्चाई दो हफ्ते में खुलने के आसार हैं, लेकिन मेट्रो के एमएमएस कांड ने सबको हिला तो जरूर दिया है.
मामले में क्या-क्या हो सकती है कार्रवाई
दिल्ली की पहचान है मेट्रो ट्रेन. लेकिन यही पहचान इन दिनों कइयों की जान का दुश्मन बनी हुई है. दिल्ली मेट्रो के कैमरे से जिन लोगों का अश्लील एमएमएस बना, उनके लिए मेट्रो का सफर किसी डरावने सपने से कम नहीं होगा.
जांच का पिटारा खुल चुका है. दिल्ली मेट्रो दोषी है या सीआईएसएफ या दोनों के कुछ अधिकारियों ने मिलकर ये घिनौनी हरकत की है, इसका खुलासा होने में वक्त लगेगा. लेकिन ये भी तय है कि जो भी गुनहगार है, उसके लिए आने वाले दिन बड़े मुश्किल भरे होने वाले हैं.
जानकारों के मुताबिक, फुटेज की गोपनियता की पूरी जिम्मेदारी डीएमआरसी पर जाती है. अश्लील तस्वीरें अपलोड करने वालों के खिलाफ सूचना तकनीक एक्ट 2000 की धारा 66ई और 67 के तहत मामला दर्ज हो सकता है. इनके अलावा आईपीसी की धारा 425 और 509 के तहत भी मामला बनता है. आईटी एक्ट के मामलों में पांच साल तक की सजा हो सकती है. साथ ही दो से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
इस बीच महिला आयोग ने भी डीएमआरसी से दो हफ्तों में रिपोर्ट मांगी है. जाहिर है कि ये मामला आने वाले दिनों में अदालत में भी जा सकता है. ऐसे में ई श्रीधरन की कमाई मेट्रो की साख की पूंजी सरे-आम नीलाम होने की हालत में आ गई है.