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दिल्ली मेट्रो ने सु्प्रीम कोर्ट से कहा- 3 मिनट से कम नहीं कर सकते फ्रीक्वेंसी

डीएमआरसी ने कहा कि अभी मेट्रो में कुल 1282 डिब्बे हैं और मौजूदा ट्रेनों में 420 डिब्बे 2017 तक और बढ़ेंगे. जबकि दिसंबर 2016 में चालू हो रहे नए फेज में एक साल के अंदर 486 डिब्बे पटरी पर आ जाएंगे.

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नई दिल्ली स्थि‍त सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली स्थि‍त सुप्रीम कोर्ट

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दिल्ली मेट्रो ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया की वो 3 मिनट से कम अंतराल पर मेट्रो का फेरा नहीं चला सकती. डीएमआरसी ने कहा कि इससे कम समय में फेरे के लिए आधारभूत ढांचे में बहुत ज्यादा निवेश करना होगा और यह मौजूदा समय में संभव नहीं है. सर्वोच्च अदालत राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने को लेकर सुनवाई कर रही थी.

डीएमआरसी ने कहा कि अभी मेट्रो में कुल 1282 डिब्बे हैं और मौजूदा ट्रेनों में 420 डिब्बे 2017 तक और बढ़ेंगे. जबकि दिसंबर 2016 में चालू हो रहे नए फेज में एक साल के अंदर 486 डिब्बे पटरी पर आ जाएंगे.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने जहां पुरानी सरकारी गाड़ियों को हटाने के लिए, तीन हफ्ते का समय मांगा, वहीं दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया की वो 10 साल पुरानी सरकारी डीजल गाड़ियों को हटा रही है. केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि 31 मार्च 2016 तक वह एनसीआर के 10 जनपदों में 104 सीएनजी स्टेशन लगा देगी.

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समिति को मिला औचक निरीक्षण का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पर्यावरण पर बनी समिति को दिल्ली-एनसीआर में निर्माण साइट्स पर औचक जांच करने का अधिकार दिया है. समिति यह जांच करेगी कि निर्माण साइट्स पर धूल रोकने लिए जरूरी उपाय किए गए हैं या नहीं. समिति जो रिपोर्ट कोर्ट में देगी उसके आधार पर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कोर्ट ने बदरपुर थर्मल पावर प्लांट बंद करने की मांग पर केंद्र सरकार और एनटीपीसी को नोटिस जारी किया है.

रात में करें वैक्यूम क्लीनर से सफाई
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वैक्यूम क्लीनर से धूल की सफाई देर रात या सुबह तड़के ही किया जाए. राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि अप्रेल 2016 तक नए वैक्यूम क्लीनर खरीद लिए जाएंगे.

डीडीए ने बस डिपो के लिए सौंपे प्लॉट्स
केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के बाद बस डिपो के लिए 7 में से 3 प्लॉट्स दिल्ली सरकार को डीडीए ने सौंप दिए हैं. जबकि कड़कड़ी मोड़ पर मौजूद एक प्लॉट के बारे में दिल्ली सरकार को तय करना है कि उन्हें यह चाहिए या नहीं. बाकी तीन 3 प्लॉट्स पर कानूनी विवाद हैं. केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास बस डिपो की जो मौजूदा जगह है, उसका भी पूरी तरह इस्तेमाल नहीं हो रहा है.

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