scorecardresearch
 

फिर शुरू हो रही है दिल्ली की लाइफलाइन मेट्रो, कोरोना काल में कितना बदल जाएगा सफर?

DMRC की तरफ से इस सिलसिले में विस्तार से बताया गया है. जानकारी दी गई है कि 7 जून से मेट्रो को फिर शुरू किया जा रहा है, लेकिन सिर्फ 50 फीसदी क्षमता के साथ.

Advertisement
X
कोरोना काल में काफी बदल जाएगा दिल्ली मेट्रो का सफर ( फोटो पीटीआई)
कोरोना काल में काफी बदल जाएगा दिल्ली मेट्रो का सफर ( फोटो पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली मेट्रो 7 जून से शुरू
  • कोरोना काल में बदल जाएगा सफर करने का तरीका

दिल्ली की लाइफलाइन मेट्रो फिर शुरू होने जा रही है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बंद कर दी गई दिल्ली मेट्रो को 7 जून से फिर शुरू किया जा रहा है. लेकिन लॉकडाउन के दौर में मेट्रो में सफर शुरू तो हो रहा है,लेकिन कई पाबंदियों के साथ. मेट्रो को सिर्फ 50 फीसदी क्षमता के साथ ही चलाने की तैयारी है.

Advertisement

दिल्ली मेट्रो 7 जून से शुरू

DMRC की तरफ से इस सिलसिले में विस्तार से बताया गया है. जानकारी दी गई है कि 7 जून से मेट्रो को फिर शुरू किया जा रहा है, लेकिन सिर्फ 50 फीसदी क्षमता के साथ. वहीं अब दो यात्रियों को साथ बैठने की भी अनुमति नहीं रहेगी. कुछ समय के लिए सभी को एक-एक सीट छोड़ बैठना अनिवार्य रहेगा. सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है. वहीं मेट्रो में खड़े होकर ट्रैवल करना काफी आम है, कई लोग ऐसे ही ट्रैवल करना पसंद भी करते हैं. लेकिन कोरोना काल में मेट्रो में ऐसा करने पर भी पाबंदी रहेगी. सिर्फ 50 फीसदी लोग तो सफर कर ही पाएंगे, उन्हें भी सिर्फ बैठकर ही जाने की इजाजत रहेगी.

10 मई से बंद मेट्रो

जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर की वजह से ही राजधानी की इस लाइफलाइन पर रोक लगा दी गई थी. 10 मई से दिल्ली मेट्रो बंद थी. इसको फिर शुरू करने की मांग तो लंबे समय से की जा रही थी, लेकिन कोरोना की भयंकर रफ्तार की वजह से सरकार कोई भी फैसला लेने की स्थिति में नहीं थी. लेकिन अब फिर माहौल मेट्रो के लिए अनुकूल साबित हो रहा है, ऐसे में लाखों लोगों को ये राहत दी जा रही है.

Advertisement

क्लिक करें- दिल्ली में ऑड ईवन फॉर्मूले से खुलेगी दुकान, व्यापारियों में भ्रम 

वैसे कहा तो ये भी जा रहा है कि मेट्रो सेवा शुरू जरूर हो रही है, लेकिन अभी सिर्फ आधी ट्रेनों को ही चलाने की तैयारी है. अभी लोग भी कम हैं, और स्टाफ भी ज्यादा नहीं है, ऐसे में कुछ समय के लिए मेट्रो ट्रेन पकड़ने के लिए जरूरत से ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है. 

Advertisement
Advertisement