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दिल्ली मेट्रो के यात्रियों को सता रही ये परेशानी...

दिल्ली मेट्रो में इन दिनों यात्रियों को खुले पैसों को लेकर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं मेट्रो का कहना है कि आरबीआई द्वारा पर्याप्त संख्या में सिक्के जारी न करने की वजह से यह दिक्कत हो रही है.

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दिल्ली मेट्रो स्टेशन (फाइल)
दिल्ली मेट्रो स्टेशन (फाइल)

दिल्ली मेट्रो में इन दिनों यात्रियों को खुले पैसों को लेकर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं मेट्रो का कहना है कि आरबीआई द्वारा पर्याप्त संख्या में सिक्के जारी न करने की वजह से यह दिक्कत हो रही है. यात्रियों की शिकायत है कि दिल्ली मेट्रो में टिकट खरीदते वक्त खुले पैसे न होने पर उन्हें मूल्य से ज्यादा पैसों का भुगतान करना पड़ता है.

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दिल्ली मेट्रो कॉरपोरेट कम्युनिकेशन के कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने कहा, 'हमें इस समस्या की जानकारी है और इसलिए हम यात्रियों से आग्रह करते हैं कि वे खुले पैसे लेकर यात्रा करें. यह समस्या उतनी बड़ी नहीं है. इसको लेकर कभी भी हमें किसी यात्री की कोई लिखित शिकायत नहीं मिली.'

उन्होंने कहा, 'आरबीआई द्वारा जितने सिक्के मुहैया करवाए जाएंगे, हम उतने ही अपने यात्रियों को आगे दे सकते हैं.’ उन्होंने यह भी बताया कि यात्रियों की सहूलियत के लिए अलग से ‘सटीक खुले पैसे’ खिड़की की व्यवस्था भी की गई है ताकि उन्हें लंबी कतारों में न खड़ा होना पड़े.

सुबह सवेरे दफ्तर जाते समय जब सबसे ज्यादा यात्री मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं, उस वक्त यह समस्या सबसे अधिक होती है. टिकट खरीदने के लिए खुले पैसे न होने पर अधिक मूल्य का भुगतान करना या बाकी पैसे वापस न मिलना अब आम बात हो गई है. दफ्तर जाने की जल्दबाजी के चलते यात्री इसका कई बार विरोध भी नहीं कर पाते या कभी थोड़ी बहुत बहस करके वहां से निकल पड़ते हैं.

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मेट्रो से अक्सर छतरपुर से गुड़गांव जाने वाली एक महिला ने बताया कि वह गुड़गांव में घरेलू सहायिका का काम करती है और उसे सप्ताह में तीन दिन काम के लिए गुड़गांव जाना होता है जिसके लिए उसे 18 रुपये का टिकट लेना होता है लेकिन मेट्रो कर्मी के पास खुले पैसे न होने के कारण उसे आए दिन 20 रूपए का भुगतान करना पड़ता है.

दिहाड़ी मजदूरों ने भी मूल्य से अधिक पैसे वसूलने की बात कही. एक मजदूर ने कहा, 'हमें कभी-कभी ही काम के सिलसिले में मेट्रो से यात्रा करनी होती है जिसके लिए हम 200 रूपए का मेट्रो कार्ड नहीं बनवा सकते. ऐसे में हमें खुले पैसे न होने की वजह से दिक्कत उठानी पड़ती है.'

दयाल ने कहा कि इस बारे में लिखित शिकायत मिलने पर ठोस कार्रवाई की जा सकती है.

- इनपुट भाषा

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