दिल्ली के मुखर्जी नगर में ऑटो ड्राइवर से मारपीट के मामले में पुलिस ने कॉन्स्टेबल पुष्पेंद्र शेखावत और कॉन्टेबल सत्य प्रकाश को बर्खास्त कर दिया है. मुखर्जी नगर थाने के बाहर पुलिसकर्मियों ने ऑटो ड्राइवर और उसके नाबालिग बेटे के साथ मारपीट की थी और इस घटना का वीडियो वायरल हो गया था.
सिख ड्राइवर बेटे की पिटाई का मामले ने बड़ा राजनीतिक तूल पकड़ा था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस घटना की निंदा की थी. उन्होंने बुजुर्ग सिख से मुलाकात की थी और इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया था.
अरविंद केजरीवाल ने मांग की थी कि आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.
पुलिस की रिपोर्ट में पीड़ित बना आरोपी
दिल्ली के मुखर्जी नगर में ऑटो ड्राइवर और उसके नाबालिग बेटे की पिटाई मामले में पुलिस ने अपनी रिपोर्ट तैयार की थी. इस रिपोर्ट में पुलिस ने ऑटो ड्राइवर सरबजीत और उसके नाबालिग बेटे को ही दोषी बताया है. रिपोर्ट में पुलिस की ओर से यह कहा गया है कि सिख ड्राइवर ने पुलिस पर तलवार से वार किया, जबकि बेटे ने ऑटो से कांस्टेबल को कुचलने की कोशिश की.
Delhi Police has dismissed Constable Pushpinder Shekhawat and Constable Satya Prakash, for allegedly assaulting an autorickshaw driver and his minor son in Delhi's Mukherjee Nagar last month.
— ANI (@ANI) July 24, 2019
आरोपी का रहा है आपराधिक बैकग्राउंड
पुलिस ने दावा किया था कि सरबजीत का पहले से आपराधिक बैकग्राउंड रहा है और उसने पहले भी कई बार मारपीट की है. 2006 से अब तक उन पर तीन बार मारपीट के केस दर्ज हुए हैं. सरबजीत सिंह पर इसी साल अप्रैल में गुरुद्वारा बंगला साहिब के एक सेवादार ने मारपीट का मामला दर्ज कराया था.
हाल ही में भर्ती हुए थे सिपाही
वायरल वीडियो में दिख रहे आठों पुलिसकर्मियों की ज्वॉइनिंग तीन-चार महीने पहले ही हुई थी. जांच में पाया गया है कि जिन आठ पुलिसकर्मियों से सरबजीत की मारपीट हुई थी वो दिल्ली पुलिस में तीन-चार महीने पहले ही भर्ती हुए थे, जिन्होंने ड्राइवर सरबजीत की लाठी से पिटाई की थी. जिसके बाद एएसआई को निलंबित कर दिया गया था. यह पुलिसकर्मी ट्रेनिंग के तहत मुखर्जी नगर थाने आए थे. वहीं इस मामले में हाई कोर्ट दिल्ली पुलिस को फटकार लगा चुकी है.
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली में ऑटो ड्राइवर सरबजीत ने पुलिसकर्मियों पर कृपाण से हमला किया था, जिसके बाद पुलिसवालों ने सरबजीत और उसके बेटे की पिटाई की थी. घटना का विडियो वायरल होने के बाद सिख समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. इस सिलसिले में दो एफआईआर दर्ज हुई थी और यह क्रॉस केस है. एक में शिकायतकर्ता सरबजीत हैं, तो वहीं दूसरे में शिकायतकर्ता आरोपी हैं.