Delhi Mundka Fire Incident updates: दिल्ली के मुंडका इलाके में हुए अग्निकांड में कंपनी के मालिक वरुण और हरीश गोयल के पिता अमरनाथ की भी मौत हो गई है. वहीं, सीएम केजरीवाल ने मृतकों 10-10 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की है.
मुंडका की घटना में बिल्डिंग के मालिक मनीष लाकरा, सुशीला लाकड़ा, सुनीता लाकड़ा के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज कर ली गई है. बिल्डिंग में निकलने का एक ही रास्ता था. कंपनी में 100 से ज्यादा लोग काम कर रहे थे. सुरक्षा का कोई उपाय नहीं किया गया था. बिल्डिंग मालिक आग लगने के बाद से फरार हैं. गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की रेड कई जगहों पर जारी है.
दिल्ली के मुंडका अग्निकांड में अब तक कुल 27 लोग लापता हैं. जबकि 27 शव मिल चुके हैं. (इनपुट- अरविंद ओझा)
दिल्ली के मुंडका इलाके में आग की घटना में मारे गए 27 लोगों में से अब तक सिर्फ 8 लोगों की पहचान हो गई है. प्रशासन की तरफ से इनके नाम जारी किए गए हैं. इनमें
1- तानिया भूषण पुत्री चंद्र भूषण
2- मोहिनी पाल पत्नी विजय पाली
3- यशोदा देवी पत्नी विश्वजीत
4- रंजू देवी पत्नी संतोष
5- विशाल पुत्र मिथलेश
6- दृष्टि पुत्र गणपति
7- कैलाश जयानी पुत्र बहादुर राम जयानी
8- अमित जयानी पुत्र कैलाश जयानी
इससे पहले दोपहर में मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्रित किए थे. टीम को यहां बॉडी के अवशेष मिले थे. यहां कलेक्ट किया गया है. अफसरों का कहना है कि डीएनए टेस्ट के बाद ही पहचान हो सकेगी. (इनपुट- तनसीम हैदर)
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बिल्डिंग का कोई नक्शा पास नहीं है तो ये बिल्डिंग कैसे बनी? दिल्ली में बिना MCD की अनुमति के कोई घर नहीं बन सकता है. (इनपुट- कुमार कुनाल)
उसके बाद 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी ने इस बिल्डिंग को सील करने का आदेश दिया और पैनेल्टी लगाई. MCD ने पैनेल्टी लेकर मॉनिटरिंग कमेटी को रिपोर्ट दी. लेकिन मॉनिटरिंग कमेटी ने इसे डी सील करने का कोई आदेश नहीं दिया. ऐसे में यहां व्यापारिक गतिविधि चलती रही. अभी तक ये बिल्डिंग कागजों में सील है. (इनपुट- कुमार कुनाल)
दिल्ली सरकार के सूत्रों की मानें तो मुंडका में जिस बिल्डिंग में आग लगी, वो गांव की जमीन पर बनी है. यहां कोई भी कमर्शियल मूवमेंट की परमीशन नहीं है. मगर, 2016 में MCD ने यहां कमर्शियल लाइसेंस दिया. हालांकि 2017 में शिकायत की गई तो MCD ने ही सालभर में लाइसेंस कैंसिल कर दिया, लेकिन व्यापारिक गतिविधि चलती रही. (इनपुट- कुमार कुनाल)
असिस्टेंट पीआरओ डॉ. रजनीश सिंह के मुताबिक, जली हुई बॉडी बेहद डिस्टर्ब हो जाती है जिस वजह से सैंपल कलेक्ट और पहचान करने में बहुत दिक्क्त आती है. आग पूरी बिल्डिंग में लगी थी, इसलिए पूरी तरह एग्जामिन करने में समय लगेगा.
क्राइम सीन पर फोरेंसिक टीम के हेड एसके गुप्ता के मुताबिक आग लगने वाले स्पॉट से सबूत जुटाने बेहद मुश्किल टास्क होता है. क्योंकि जलने के बाद चीजें अलग तरह की हो जाती हैं. इनकी पहचान आसानी से नहीं हो पाती है.
रोहिणी फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री की डायरेक्टर दीपा वर्मा के मुताबिक, उनकी दो टीमें मुंडका में मौके पर जांच कर रही हैं. इस टीम में सीनियर एक्सपर्ट शामिल हैं. ये वहां सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं और सबूत जुटा रहे हैं. स्पॉट से मिलने वाले सबूत केस के जांच अधिकारी को सौंपे जाएंगे. मौके पर बॉडी के अवशेष भी मिले हैं, इसके लिए आगे पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराए जाएंगे. (इनपुट- तनसीम हैदर)
दिल्ली के मुंडका में अग्निकांड में भाजपा ने घटना की जांच के लिए हाई कोर्ट के किसी सिटिंग से कराने की मांग की है. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने पीड़ित परिवारों के लिए भी मांग की. उन्होंने जान गंवाने वालों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की है.
घटनास्थल पर FSL की टीम मौके पर पहुंच चुकी है. HOD FSL संजीव गुप्ता की अगुवाई में फॉरेंसिक टीम जांच करेगी. इधर, बीजेपी सांसद हंस राज हंस भी मौके पर पहुंचे हैं. उन्होंने इस घटना के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है.
दिल्ली फायर सर्विसेज के निदेशक अतुल गर्ग का कहना है कि इस इमारत का फायर एनओसी नहीं था और आग बुझाने का कोई उपकरण भी नहीं था. इमारत में प्लास्टिक का सामान और CCTV आदि था, इसलिए आग एक मंजिल से दूसरी पर फैली. हमारा रेस्क्यू ऑपरेशन अब पूरा हो चुका है, अब इसमें और शव मिलने की आशंका नहीं है. हमने कुल 30 फायर टेंडर को भेजा और काम में 125 लोगों को लगाया. हमें रात को 27 शव मिले, कुछ शवों के हिस्से सुबह मिले हैं, जिससे लगता है कि ये 2-3 शव और होंगे. कुल मृतकों की संख्या 29-30 हो सकती है. (इनपुट-ANI)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास घटनास्थल पर पहुंचे हैं, जहां कल शाम को एक इमारत में आग लग गई थी. उनके साथ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी हैं. बताया जा रहा है कि सीएम केजरीवाल ने मृतकों 10-10 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की है. साथ ही मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दे दिए हैं. फिलहाल मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. दुर्घटना में अभी तक 27 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 29 लोग लापता हैं.
Delhi Mundka Fire | CM Arvind Kejriwal along with Deputy CM Manish Sisodia reach the spot where a massive fire broke out yesterday in a 3-storey commercial building near Mundka metro station
— ANI (@ANI) May 14, 2022
27 people were killed in the incident while 29 people are still missing pic.twitter.com/dgZqnqEWg4
दिल्ली में कल एक दुर्भाग्यपूर्ण भीषण अग्नि दुर्घटना में हुई लोगों की मृत्यु अत्यंत दुःखद व हृदय विदारक है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 14, 2022
मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि मृतकों की आत्मा को शांति तथा घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।
इस हादसे में कंपनी के मालिक वरुण और हरीश गोयल के पिता अमरनाथ की भी मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि जिस वक्त आग लगी, उस वक्त मोटिवेशनल स्पीच चल रही थी, अमरनाथ भी वहां मौजूद थे. वो आग में फंसे और निकल नहीं पाए. बाद में उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई.
जिस कंपनी/फैक्ट्री में आग लगी है उसके दोनों मालिकों को पुलिस गिराफ्तार कर चुकी है. वरुण गोयल और सतीश गोयल पर दिल्ली पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है. इस हादसे में कंपनी मालिक के पिता की भी मौत हो गई है. बिल्डिंग का मालिक एक और बिल्डिंग में चलने वाली कंपनी के मालिक 2 हैं. फिलहाल बिल्डिंग मालिक मनीष लाकड़ा फरार है.
दिल्ली के मुंडका में आग लगने की घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज सुबह 9.30 बजे घटनास्थल पर पहुंचेंगे. इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था, इस दुखद घटना के बारे में जानकर स्तब्ध और आहत हूं. भगवान सब का भला करे.
शुक्रवार को दिल्ली के मुंडका में मेट्रो पीलर नंबर 545 के पास कुछ ऐसा भयावह मंजर था कि लोग अपनी जान बचाने के लिए बिल्डिंग से कूद पड़े. घटना की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें एक महिला बिल्डिंग से कूदते दिख रही है. बताया जा रहा है कि इस महिला का नाम रेनू है. रेनू ने अपनी जान बचाने के लिए तीसरे फ्लोर से छलांग लगा दी थी. छलांग लगाते वक्त इमारत आग की लपटों से घिरी हुई थी.
इस हादसे में करीब 27 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 19 लापता हैं. इस बीच NDRF ने दावा किया है कि अभी तक के सर्च ऑपेरशन में कई जगह बॉडी पार्ट्स मिले हैं. मरने वालों की पहचान के लिए फोरेंसिक टीम द्वारा DNA कराया जाएगा.
अपनी बहन की तलाश में संजय गांधी अस्पताल पहुंचे अजीत तिवारी ने बताया घटना के बाद से मोनिका लापता है. मैं अपनी बहन की तलाश में आया हूं. उसने पिछले महीने एक सीसीटीवी कैमरा पैकेजिंग यूनिट में काम करना शुरू किया था और हादसे वाले दिन ही उसे पहली सैलरी मिली थी. अब वो कहां हैं, पता नहीं...
अजीत ने बताया कि हमें शाम 5 बजे आग के बारे में पता चला, लेकिन ये नहीं पता था कि आग उसके ऑफिस की बिल्डिंग में लगी थी, जब वो घर नहीं लौटी तो शाम 7 बजे से उसकी तलाश में हूं. मोनिका अपने दो भाइयों और एक बहन के साथ दिल्ली के आगर नगर में रहती है. वो उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की रहने वाली हैं.
राजधानी में हुए इस हादसे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित राजनीतिक हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है.
इस दर्दनाक हादसे के मामले में दोनों मालिक को पुलिस ने गिराफ्तार कर लिया है. वरुण गोयल और सतीश गोयल को दिल्ली पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिराफ्तार किया है.
पश्चिमी दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास शुक्रवार शाम एक कमर्शियल बिल्डिंग में आग लग गई थी. इस हादसे में 27 लोगों की जान चली गई, जबकि 19 लोग अभी भी लापता हैं. अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, आग की सूचना शाम चार बजकर 45 मिनट पर मिली थी. इसके बाद दमकल की 30 गाड़ियां मौके पर भेजी गई थीं. करीब साढ़े पांच घंटे की मशक्कत के बाद रात करीब ग्यारह बजे आग पर काबू पा लिया गया. लेकिन तब तक दो दर्जन से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी थी. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि इन मौतों का कसूरवार कौन है?