दिल्ली नगर निगम (MCD) के तीनों मेयर बकाया फंड को लेकर धरना दे रहे हैं. ये धरना 13 हजार करोड़ रुपये के अपने बकाया फंड को लेने के लिए है. साथ ही वह बकाया फंड को लेने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल से मिलने की मांग पर अड़ गए हैं.
बता दें कि पहले भी धरने पर तीनों मेयर बैठे थे पर इस बार उनके साथ-साथ तीनों स्टैंडिंग कमिटी के चेयरपर्सन और नेता सदन भी हैं. वहीं, नॉर्थ दिल्ली नगर निगम के स्टैंडिंग कमिटी के वाइस चेयरमैन विजेंद्र यादव सीएम के गेट पर ढपली बजाते हुए दिखे.
नगर निगम का आरोप है कि केजरीवाल सरकार निगमों को उनका फंड नहीं दे रही है. प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिल कर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गाड़ी को घर के अंदर नहीं जाने दिया और लगातार नारेबाजी करते रहे. पुलिस पब्लिक एड्रेस सिस्टम से बार-बार बीजेपी नेताओं को रास्ता देने के लिए अनाउंस करती रही.
दरअसल सीएम के घर के बाहर धरने पर बैठे भाजपा नेताओं की काट करने के लिए आप के विधायक समर्थकों के साथ इकट्ठे हो गए. माहौल तब बिगड़ गया भाजपा नेताओं के लिए आए हुए खाने पर विधायक ने आपत्ति जताई और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. इसी झड़प में खाने के पैकेट फट गए और खाना जमीन पर बिखर गया. फिर क्या था पुलिस और विधायक के समर्थकों में भिड़ंत हो गई.
राजनीतिक एक्सपर्ट का कहना है कि जिस तरह से दिल्ली सरकार किसानों के आंदोलन में शामिल हो गई है ऐसे में सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठना दबाव की राजनीति है. जानकारी के लिए बता दें कि 9 दिसंबर को केंद्र किसान के बीच छठे दौर की बातचीत है.