दिल्ली नगर निगम निर्माण और विध्वंस कचरे से संबंधित चुनौतियों से निपटने में नागरिक भागीदारी, जागरूकता और सुलभ संग्रह मलबा साइट की स्थापना पर जोर दे रहा है. दिल्ली नगर निगम इन प्रयासों से निर्माण गतिविधियों से उत्पन्न वायु व धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव कार्य कर रहा है. आपको बता दें कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली नगर निगम का समर्पित सी एंड डी वेस्ट( मलबा) संग्रह साइट स्थापित करने अवैध डंपिंग को रोकने व नागरिकों को मलबे के उचित निपटान के बारे में जागरूक करने पर विशेष ज़ोर है.
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अक्टूबर महीने से मलबा संग्रह साइटों (कलेक्शन साइट)से 52,000 टन मलबा एकत्र किया गया है. नरेला, शाहदरा (उत्तरी), शाहदरा (दक्षिणी) और रोहिणी जोन में नए संग्रह साइट स्थापित किए जा रहे हैं. जागरूकता बढ़ाने के लिए मलबा संग्रह साइटों की जानकारी एमसीडी 311 ऐप और एमसीडी वेबसाइट पर उपलब्ध है.
निगम ने सभी जोन में 49 संग्रह साइट की पहचान की है, साथ ही पहुंच बढ़ाने के लिए 35 मलबा संग्रह साइट स्थापित किए हैं. अक्टूबर महीने से मलबा संग्रह साइटों से 52,000 टन मलबा एकत्र किया गया है जिसके परिणामस्वरूप अक्टूबर से नवंबर तक अवैध डंपिंग में 38% की उल्लेखनीय कमी आई है. साथ ही नरेला, शाहदरा (उत्तरी) और शाहदरा (दक्षिणी) और रोहिणी जोन में नए संग्रह साइट स्थापित किए जा रहे हैं.
निगम सड़कों के किनारे अवैध मलबा डंपिंग व उनके उचित निपटान हेतु नागरिक और वेस्ट ट्रांसपोर्टरों के लिए नियमित रूप से जागरूकता अभियानों व प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के साथ 213 बैठकें हुई हैं और 180 कचरा ट्रांसपोर्टरों को अनुपालन के लिए प्रशिक्षित किया गया है.
दिल्ली की निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) कचरे प्रबंधन प्रणाली की सफलता में नागरिकों का महत्वपूर्ण योगदान है. नागरिकों से आग्रह किया जाता है कि वे 20 टन से कम मलबा संग्रह साइट पर और 20 टीपीडी से अधिक मलबा को सीधे सी एंड डी संयंत्र पर भेजे. सी एंड डी नियमों का पालन करे व सुरक्षा उपायों को अपनाए. यह सुनिश्चित करे कि कोई भी निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) कचरा खुले में न छोड़े और सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों पालन करे.