दिल्ली के मुनिरका रेप मामले में पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लग रहा है. सूत्रों की माने तो पूर्वोत्तर की पीड़ित लड़की अपने घरवालों के साथ सुबह 4 बजे ही वसंत विहार थाने पहुंच गई थी. लेकिन थाने में उस वक्त महिला डेस्क खाली था. वहां महिला पुलिस मौजूद नहीं थी.
करीब दो घंटे तक थाने में बैठे रहने के बाद 6 बजे महिला पुलिस पहुंची और साढ़े 6 बजे के करीब जिले के आला अधिकारी थाने पहुंचे. इस दौरान पीड़िता की हालत बेहद खराब थी.
इस बीच मामले की संजीदगी को देखते हुए पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करवा दिया है. और मामले की जांच स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम से कराने का फैसला लिया है. टीम के मुखिया डीसीपी साउथ बीएस जायसवाल होंगे. इस टीम में दामिनी केस से जुड़े जांच अधिकारियों को भी रखा गया है.
आरोपी का शिनाख्त परेड से इंकार
वहीं आरोपी ने शिनाख्त परेड से इंकार कर दिया है. पुलिस ने आरोपी को दो दिन की रिमांड पर लिया है ताकि उससे सच उगलवाया जा सके. अपने बयान में पीड़ित लड़की ने बताया है कि वह कुछ सामान लेने के लिए घर से बाहर निकली थी. उस दौरान आरोपी लड़का सड़क के किनारे बैठा था, जब वह दुकान से सामान लेकर वापस जा रही थी तो आरोपी ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया और उसे जबरदस्ती एक खाली मकान में घसीट लिया. लड़की के साथ बलात्कार करने के बाद वह वहां से भाग गया.
सीसीटीवी फुटेज से आरोपी की पहचान
पूरी घटना सुनने के बाद पीड़ित लड़की के परिवार ने पहले तो खुद आरोपी को ढूंढना शुरू किया लेकिन जब वह नहीं मिला तो वह लड़की को लेकर थाने पहुंचे. पुलिस ने वारदात की जगह के आसपास के सीसीटीवी कैमरों का फुटेज पीड़ित लड़की को दिखाया. सीसीटीवी फुटैज देखने के बाद लड़की ने आरोपी की पहचान कर ली है.
सीसीटीवी में कैद तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि पीछा करने के बाद आरोपी पीड़िता को जबरदस्ती सुनसान कोने में खींच रहा है. लड़की ने उस मकान की भी पहचान की है जहां वारदात को अंजाम दिया गया था.