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दिल्ली में वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम हटाने का मामला, SC से अरविंद केजरीवाल और CM आतिशी को राहत

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आतिशी के खिलाफ बीजेपी नेता राजीव बब्बर द्वारा दायर मानहानि केस में निचली अदालत की सुनवाई को स्थगित करने के अपने आदेश को आगे बढ़ा दिया है. अदालत ने यह कदम शिकायतकर्ता के वकील की ज्यादा समय मांगने की याचिका के बाद उठाया है.

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अरविंद केजरीवाल, सीएम आतिशी
अरविंद केजरीवाल, सीएम आतिशी

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ चल रही मानहानि केस की निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. बीजेपी नेता राजीव बब्बर द्वारा दायर मानहानि मामले में केजरीवाल और सीएम आतिशी दोनों ने निचली अदालत से जारी समन को चुनौती दी थी.

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इससे पहले कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत दी थी और निचली अदालत में चल रही सुनवाई को स्थगित कर दिया था. गुरुवार को, शिकायतकर्ता के वकील द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए अधिक समय मांगने के कारण अदालत ने इस आदेश को बढ़ाया.

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वोट लिस्ट से मतदाताओं के नाम हटाने का मामला

अरविंद केजरीवाल और सीएम आतिशी ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उनके और अन्य आप नेताओं के खिलाफ कार्यवाही खत्म करने से इनकार कर दिया गया था. यह मामला उन टिप्पणियों से जुड़ा है जिनमें आप नेताओं ने कथित रूप से मतदाताओं के नामों को हटाने का आरोप लगाया था.

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आम आदमी पार्टी का बीजेपी पर आरोप

पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इसी महीने की शुरुआत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने वोटर लिस्ट से हजारों नामों को हटाने और इसके लिए बीजेपी की तरफ से आवेदन दिए जाने का दावा किया था. उन्होंने बताया था कि इसका उनके पास सबूत हैं और ग्राउंड लेवल पर वेरिफिकेशन की एक लिस्ट बनाने की बात कही थी.

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अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने शाहदरा में 11,018 नामों को वोटर लिस्ट से हटाने का चुनाव आयोग से अनुरोध किया है. उन्होंने बताया कि वेरिफेकेशन के बाद पता चला कि 500 नामों, जैसे कि उन्होंने बताया कि 75 फीसदी वोटर अब भी अपने इलाके में रह रहे हैं. मसलन, नामों को वोटर लिस्ट से हटाने के पीछे तर्क है कि जिन नामों को हटाया गया है, वे उन इलाकों से या तो शिफ्ट कर गए हैं, या उनकी मृत्यु हो गई है.

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