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दिल्लीः नरेला में प्लास्टिक फैक्ट्री में कई घंटों तक धधकी आग, हाइड्रा क्रेन से किया कंट्रोल

दिल्ली के नरेला में एक प्लास्टिक की फैक्ट्री में आग लगने से हड़कंप मच गया. हादसे की सूचना पर फायर ब्रिगेड की 27 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई. लेकिन आग काफी भीषण थी, बाद में हाइड्रा क्रेन के जरिए हालात पर काबू पाया गया.

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आग बुझाते फायर ब्रिगेड के कर्मचारी
आग बुझाते फायर ब्रिगेड के कर्मचारी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फैक्ट्री में आग लगने से मची अफरातफरी
  • मुंडका हादसे में हुई थी 27 की मौत

दिल्ली के मुंडका की आग अभी बुझी भी नहीं थी कि इससे पहले राजधानी के नरेला में आग लगने की एक और घटना हो गई है. नरेला में प्लास्टिक की फैक्ट्री में आग लग गई है. बताया जा रहा है कि फायर ब्रिगेड की 27 गाड़ियों से आग बुझाने की कोशिश की गई. लेकिन हादसा इतना भयावह था कि हाइड्रा क्रेन को घटनास्थल पर भेजा गया. फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है.

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घटना की सूचना पाकर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई. वहीं फैक्ट्री में मजदूरों के फंसे होने से इनकार किया जा रहा है. बताया गया कि फैक्ट्री में सुबह से ही ताला लगा हुआ था, क्योंकि आज लाइट नहीं थी. हालांकि प्लास्टिक के ज्वलनशील होने की वजह से आग भड़क गई. हालांकि मौके पर एंबुलेंस भी पहुंच गई हैं. रात 9:10 बजे लगी आग को बुझाने के लिए हाइड्रा क्रेन बुलाई गई. 

नरेला में आग लगने से ठीक एक दिन पहले यानी शुक्रवार को मुंडका के मेट्रो स्टेशन के पास एक चार मंजिला इमारत में आग लग गई थी. इसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी. सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं. जबकि कई लोग लापता बताए जा रहा हैं. ये हादसा इतना दर्दनाक था कि मृतकों की डेड बॉडी की पहचान करना भी मुश्किल हो रहा था.

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मुंडका हादसे में कई लोग घायल बताए जा रहे हैं. इस तीन मंजिला इमारत में पहले माले पर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट थी. दूसरे माले पर वेयर हाउस और तीसरे पर लैब थी. सबसे ज्यादा मौत अब तक दूसरे माले पर बताई गई हैं. दरअसल, इसी दूसरे माले पर ही मोटिवेशनल स्पीच चल रही थी. इस कार्यक्रम के चलते ही ज्यादा लोग यहां मौजूद थे. बाकी छत पर एक बिल्डिंग के मालिक ने अपना एक छोटा-सा फ्लैट बनाकर रखा था. 

मुंडका में हुए हादसे में आग बिल्डिंग की पहली मंजिल से लगनी शुरू हुई, जहां सीसीटीवी कैमरा और राउटर निर्माता कंपनी Cofe Impex Private Limited का दफ्तर था. आग बुझाने के काम में 30 से अधिक दमकल वाहनों को लगाया गया. 

बता दें कि रेस्क्यू करने के लिए NDRF की दिल्ली फायर सर्विस की टीमें लगीं. इमारत में एंट्री के लिए महज एक ही रास्ता था, लिहाजा बगल वाली बिल्डिंग के जरिए दीवार में छेद कर बचाव दलों ने प्रवेश किया. इसके बाद कांच के शीशे तोड़े, तब कहीं जाकर अंदर फंसे लोगों को निकाला गया. (इनपुट-राजेश खत्री)


 

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