देश की राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में गुरुवार को हवा की क्वॉलिटी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. यहां नमी बढ़ने से धूल बाहर नहीं निकल पा रही है. इसके अलावा पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली से मुश्किल और बढ़ गई है.
यहां गुरुवार से कंस्ट्रक्शन, उद्योगों और कूड़े जलाने पर रोक लगाई गई है. इसके अलावा और पाबंदियां जैसे ट्रक आने-जाने पर रोक और गाड़ियों के ऑड-इवन योजना पर विचार किया जा रहा है. विज्ञान और पर्यावरण (सीएसई) केंद्र से जुड़े वरिष्ठ रिसर्च एसोसिएट पोलाश मुखर्जी ने आईएएनएस से कहा कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से प्रदूषण में 28 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है.
Delhi: Early morning visuals from the area near Rajpath. pic.twitter.com/uqQmjmEKvc
— ANI (@ANI) November 1, 2018
दिल्ली के ऊपर बने स्थिर हवा के क्षेत्र की वजह से प्रदूषण फैलाने वाले कण गुरुवार तड़के बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, उस समय यहां हवा की क्वॉलिटी को 'बहुत खराब' के स्तर पर थी. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने लोगों को बाहर के सभी काम से बचने की सलाह दी है और जिन्हें अस्थमा है, उन्हें अपने पास दवाई रखने की सलाह दी गई है.
11 बजे दिल्ली में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 394 था. इस बीच प्रदूषकों के बढ़ने से दिल्ली में पीएम2.5 का स्तर 147 और पीएम10 का स्तर 448 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर था. 400 के सूचकांक से आगे बढ़ने के बाद ही हवा खतरनाक स्तर पर पहुंच जाती है. पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में, पीएम 2.5 और पीएम10 का औसत स्तर क्रमश: 241 और 431 यूनिट बना हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, खतरनाक हवा की क्वॉलिटी तब पैदा होती है, जब पीएम2.5 250 से 300 के बीच और पीएम10 430 से 500 के बीच हो.
चांदनी चौक, द्वारका, रोहिणी, आर.के.पुरम, नरेला, पंजाबी बाग 36 में से उन 18 जगहों में शामिल हैं, जहां खतरनाक एयर क्वॉलिटी के साथ पीएम2.5 खराब स्तर तक पहुंच गया है. गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में पूर्वाह्न 11 बजे एयर क्वॉलिटी खतरनाक स्तर पर थी.