दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण आज भी खतरनाक स्थिति पर है. दिल्ली के लोधी रोड में वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 दर्ज किया गया. वहीं, दिल्ली कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स में पिछले कुछ दिनों के मुकाबले सुधार दिखा है. हालांकि, अभी भी औसतन एक्यूआई 300 दर्ज किया गया है.
Delhi: Major pollutants PM 2.5 & PM 10, both at 500 (severe category), in Lodhi Road area, according to the Air Quality Index (AQI) data. pic.twitter.com/SWYXKnjdIl
— ANI (@ANI) November 16, 2019
वहीं, नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 407 और ग्रेटर नोएडा में 392 पहुंच गया है. हवाओं में इस कदर जहर घुल गया है कि अब दिल्ली में सांस लेना भी जानलेवा हो गया है. लोग बीमार पड़ रहे हैं, लोगों की आंखों में जलन हो रही है.
Ghaziabad: According to the Air Quality Index (AQI) data, Indirapuram at 437, Loni at 440, Vasundhara at 430 - all in 'severe' category. (file pic) pic.twitter.com/0Rj1uF9QVr
— ANI UP (@ANINewsUP) November 16, 2019
दिल्ली-एनसीआर की हवा अभी भी जहरीली बनी हुई है. दिल्ली में आज (शनिवार) औसतन एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 रिकॉर्ड किया गया.
विश्व वायु गुणवत्ता सूचकांक रैंकिंग पर एयर विजुअल के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली ने शुक्रवार को 527 एक्यूआई के साथ दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर होने का दर्जा हासिल किया. एयर विजुअल के आंकड़े लगातार अपडेट होते रहते हैं, लिहाजा दिन के दौरान रैंकिंग और एक्यूआई के आंकड़े बदलते रहते हैं.
एयर विजुअल के मुताबिक, 5 नवंबर को दिल्ली की वायु गुणवत्ता ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे और इसके बाद लगातार नौ दिनों तक यह खतरनाक स्थिति में था. सार्वजनिक रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से दूषित वायु के बने रहने की यह सबसे लंबी अवधि रही.
शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में से छह दिल्ली, लाहौर, कराची, कोलकाता, मुंबई और काठमांडू भारतीय उपमहाद्वीप में पड़ते हैं. यानी एशिया में वायु प्रदूषण दक्षिणी एशिया में केंद्रित हो गया है. इस श्रेणी में तीन भारतीय शहर हैं. तो ऐसे में यह स्पष्ट है कि वायु प्रदूषण की समस्या केवल उत्तर भारत में ही नहीं है, लेकिन दिल्ली का प्रदूषण कोलकाता के मुकाबले दोगुना है.