scorecardresearch
 

भूकंप से कब-कब कांपी राष्ट्रीय राजधानी? जानिए दिल्ली के हाई-रिस्क इलाके

आज से पहले दिल्ली में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं. अक्सर दूर-दराज के इलाकों में आए भूकंप के झटके भी दिल्ली को हिलाते रहे हैं, जिनमें हिमालय, अफगानिस्तान या चीन में आने वाले भूकंप भी शामिल हैं.

Advertisement
X
भूकंप से कांपी दिल्ली
भूकंप से कांपी दिल्ली

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आस-पास के इलाकों में सोमवार तड़के 5 बजकर 36 मिनट पर भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए. कई सेकंड तक धरती डोलती रही और लोग दशहत में अपने घरों से बाहर निकल गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई, जिसका केंद्र दिल्ली के पास ही धरती से 5 किलोमीटर की गहराई में था. भूकंप के झटके इतने तेज थे कि इमारतों के अंदर जोरदार कंपन महसूस हुआ. 

Advertisement

फिलहाल कहीं से भी जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं आई है. दिल्ली-एनसीआर भूकंपीय क्षेत्र IV में आता है, जिससे यहां मध्यम से तीव्र भूकंप आने का खतरा रहता है. 

कब-कब कांपी दिल्ली?

आज से पहले भी दिल्ली में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं. अक्सर दूर-दराज के इलाकों में आए भूकंप के झटके भी दिल्ली को हिलाते रहे हैं, जिनमें हिमालय, अफगानिस्तान या चीन में आने वाले भूकंप भी शामिल हैं. हाल के वर्षों में, इस इलाके में 4 तीव्रता के कई भूकंप आए हैं. 

  • साल 2022 में, दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा में 4.1 तीव्रता का भूकंप आया था. इस दौरान किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं आई थी. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले 10 साल में 5 तीव्रता से ज्यादा का भूकंप दर्ज नहीं किया गया है.
  • सितंबर 2017 से अगस्त 2020 के बीच NCR में कुल 26 भूकंप महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता तीन या उससे ज्यादा थी. 
  • 5 मार्च, 2012 को दिल्ली से 30 किलोमीटर दूर बहादुरगढ़ में भूकंप आया था.
  • 26 जनवरी 2001 को भुज में आए 8.1 तीव्रता के भूकंप ने दिल्ली-एनसीआर में भी हलचल मचा दी थी, जबकि इसका केंद्र बहुत दूर था. 
  • 27 अगस्त, 1960 को दिल्ली भूकंप से हिल गई थी, जिसका केंद्र दिल्ली कैंट और गुड़गांव के बीच था. भूकंप के केंद्र के आसपास की करीब 75 फीसदी इमारतों में दरारें आ गईं और लाल किला और राष्ट्रपति भवन को भी मामूली नुकसान पहुंचा था. मलबे के गिरने और भगदड़ में करीब 100 लोग घायल हो गए थे. हालांकि, भूकंप को पहले 6 तीव्रता का माना गया था, लेकिन बाद में एक्सर्ट्स ने बताया कि यह संभवतः 4.8 तीव्रता का था.
  • मथुरा का भूकंप (1803) और बुलंदशहर (1956) दिल्ली-एनसीआर के आसपास के इलाकों में दर्ज इतिहास के अन्य बड़े भूकंप हैं. जून 2020 में, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत देहरादून स्थित वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (WIHG) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में एक मजबूत भूकंप से इंकार नहीं किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें: दिल्ली में भूकंप का केंद्र धौलाकुआं में दुर्गाबाई देशमुख कॉलेज के पास था, पहले भी आ चुका है यहां, झील है आसपास

Advertisement

दिल्ली में सबसे ज्यादा संवेदनशील इलाके कौन हैं?

कुछ साल पहले, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि अगर कोई शक्तिशाली भूकंप आता है, तो पूर्वी दिल्ली सहित यमुना और उसके बाढ़ के मैदानों के ज्यादातर इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे.

लुटियंस क्षेत्र, जहां संसद स्थित है, दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर, जनकपुरी, रोहिणी, करोल बाग, पश्चिम विहार, सरिता विहार, गीता कॉलोनी, शकरपुर और जनकपुरी के साथ-साथ एक हाई रिस्क वाले इलाके हैं. दिल्ली एयरपोर्ट और हौज़ खास दूसरी सबसे खराब हाई रिस्क कैटेगरी वाले इलाके में आते हैं.

साल 2014 में, दिल्ली विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग द्वारा मिट्टी की संरचना पर आधारित ‘Liquefaction Vulnerability Map of Delhi’ तैयार किया गया था, जिसमें पता चला था कि यमुना बैंक, पीतमपुरा, उत्तम नगर, नरेला और पंजाबी बाग 6.5 तीव्रता के भूकंप के लिए संवेदनशील हैं.

Live TV

Advertisement
Advertisement