दिल्ली-एनसीएनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के चलते अब यूपी के तमाम जिलों में अधिकारियों ने कमर कस ली है. परिवहन विभाग ने NGT के आदेश के बाद 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है, जिसके चलते शुक्रवार को यूपी के कई जिलों मे जांच और सीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. गाजियाबाद, हापुड़, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, मथुरा, मेरठ में अधिकारियों ने जबरदस्त चैकिंग अभियान चला रखा है. वाहनों को सीज करके पुलिस लाइन में रखा जा रहा है.
एनसीआर के नेशनल हाईवे पर भी पुराने डीज़ल व पेट्रोल वाहनों पर सीज और चालान की कार्रवाई शुरू की गई है. आरटीओ विभाग की टीम्स हर जिले में सख्त कार्यवाही कर रही हैं, जिससे कि जल्द से जल्द प्रदूषण करने वाली गाड़ियों को शहर से बाहर किया जा सके. मुज़फ्फरनगर में भी वाहनों पर कार्यवाही की गई.
नई व्यवस्था के मुताबिक 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों और दस साल पुराने डीजल के बागनों को चेकिंग के बाद सीज किया जा रहा है. मुजफ्फरनगर मे अब तक 6 पेट्रोल वाहनों को सीज किया गया और 55 वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए. 92 वाहनों को अन्य जिलों में बेचने के लिए दी गई NOC. 10 साल पुराने 198 डीजल वाहनों के चालान किए गए, 95 डीजल वाहनों को सीज किया गया और 958 डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए. 1147 वाहनों को एनसीआर से बाहर बेचने के लिए दी गई NOC.
दिल्ली के आसपास के शहरों में वाहनों को लेकर सख्ती ज्यादा बरती जा रही है, ताकि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर फौरी तौर पर लगाम लगाई जा सके.
गौरतलब है कि वायु प्रदूषण के मद्देनजर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्र और राज्य की निगरानी मे दो कमेटियों का गठन करने का आदेश दिया है. ये दोनों कमेटी वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कार्ययोजना बनाएगी और उनका पालन करना भी सुनिश्चित करेंगी. इसके अलावा एनजीटी ने दीवाली के बाद बढ़े हुए प्रदूषण जैसी दोबारा आने पर राज्य सरकारों को आपातकाल घोषित करने को लेकर निर्देश जारी किए हैं. एनजीटी ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान उत्तर प्रदेश चार राज्यों को कहा है कि पीएम 10 व 2.5 का स्तर 431 व 251 के पार जा चुका है. लिहाज़ा ये पर्यावरण इमरजेंसी है. हमें तुरंत इसे कम करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे.