किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली एनसीआर में इंटरनेट सेवा पर व्यापक असर पड़ा है. गृह मंत्रालय से मिली रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में 50 मिलियन यानी की 5 करोड़ उपभोक्ता इंटरनेट बैन की वजह से प्रभावित हुए हैं. 27 जनवरी की सुबह भी पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में इंटरनेट नहीं चल पा रहा था.
हालांकि गृह मंत्रालय ने इंटरनेट बैन को 26 जनवरी की रात 12 बजे तक के लिए ही जारी किया था. लेकिन आशंका है कि बैन को और लंबा किया जा सकता है. अगर राजधानी समेत सीमावर्ती शहरों में हालात नहीं सुधरे तो इंटरनेट बैन और भी बढ़ाया जा सकता है. गृह मंत्रालय पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और लगातार हालात की समीक्षा कर रहा है.
बता दें कि 26 जनवरी की हिंसा के बाद गृह मंत्रालय ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर, टिकरी, मुकरबा चौक, नांगलोई और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के दूसरे इलाकों में मोबाइल इंटरनेट बैन कर दिया था.
गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में यह नहीं बताया था कि किस तरह के इंटरनेट पर पाबंदी है. क्या ये पाबंदी मोबाइल पर थी या फिर ब्रॉडबैंड पर. लेकिन दिल्ली एनसीआर में बड़े पैमाने पर लोगों को इंटरनेट का इस्तेमाल करने में दिक्कत हो रही है.
टेलिकॉम कंपनियों ने अपने यूजर्स को सूचित कर दिया कि उनके इलाके में मोबाइल इंटरनेट को अगले आदेश तक प्रतिबंधित कर दिया गया है. आशंका है कि अगर हालात में जरा भी गड़बड़ी हुई तो बैन को और भी बढ़ाया जा सकता है.
इंटरनेट बैन की वजह से दिल्ली में जियो के कस्टमर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. दिल्ली में जियो के लगभग 19 मिलियन यानी कि 1 करोड़ 90 लाख यूजर हैं.
बता दें कि 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च में आए किसानों ने जमकर बवाल किया. किसानों ने नांगलोई, आईटीओ, पीरागढ़ी, लाल किला पर हंगामा किया और तोड़ फोड़ की वारदात को अंजाम दिया. इस घटनाक्रम में कई पुलिसकर्मियों को चोट आई.
सरकार ने अफवाहों पर विराम लगाने के उद्देश्य से 26 जनवरी को दोपहर बाद से इंटरनेट सर्विस पर रोक लगा दी है.