Delhi Triple Murder: दिल्ली के नेब सराय इलाके में बेटे ने ही अपने माता-पिता और बहन की हत्या की वारदात को अंजाम दिया था. पहले तो उसने कहानी सुनाई कि वो मॉर्निंग वॉक पर गया था, उसी दौरान किसी ने घर में घुसकर वारदात को अंजाम दे दिया, लेकिन पुलिस ने जब आस-पास लगे सीसीटीवी खंगाले तो सामने आया कि कोई घर में घुसा ही नहीं था. इसके अलावा न तो किसी ने घर के मैन गेट पर लगा तोड़ा और न ही ताले से किसी तरह की छेड़छाड़ हुई. बस ताले की बात को लेकर पुलिस को बेटे (अर्जुन) पर शक हुआ और जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया.
आरोपी बेटे अर्जुन ने पूछताछ में खुलासा किया कि पिता उसे पढ़ाई के लिए डांटते रहे थे, लेकिन उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता था. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने घर के बाहर कई लोगों के सामने उसे डांटा और पीटा था. इस वजह से वो बहुत अपमानित महसूस कर रहा था. इतना ही नहीं वो घर में भी अलग-थलग महसूस करता था. उसने ये भी कहा कि घर में मम्मी और बहन भी उसे सपोर्ट नहीं करती थीं. इसी दौरान उसे पता चला कि पिता पूरी प्रॉपर्टी उसकी बहन के नाम कर रहे हैं तो वो नाराज हो गया और उसने उन्हें मारने का फैसला कर लिया.
साउथ दिल्ली में ट्रिपल मर्डर, नेब सराय इलाके में मां-बाप और बेटी की चाकू गोदकर हत्या
शादी की 27वीं सालगिरह पर बेटे ने कर दिया मां-पिता और बहन का मर्डर
बुधवार तड़के उसने घर में रखा चाकू उठाया और ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर मौजूद तीनों लोगों का गला रेतकर मार डाला. बताया जा रहा है कि आरोपी के माता-पिता की शादी की 27वीं सालगिरह थी. इस घटना से पड़ोसी भी हैरान हैं. उन्हें इस बात की यकीन ही नहीं हो रहा है कि जो परिवार दिन में हंसी-मजाक कर रहा था वो अब उनके बीच ही नहीं हैं.
पुलिस को बुधवार को सूचना मिली थी कि नेब सराय इलाके के देबली गांव में एक ही परिवार के तीन लोगों की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई है. मृतकों की पहचान राजेश कुमार (51), कोमल (46) और कविता (23) के रूप में हुई थी.
हरियाणा का रहने वाला था परिवार
मूल रूप से हरियाणा का रहने वाला यह परिवार अपने बच्चों की बेहतर शिक्षा और करियर के अवसर प्रदान करने की उम्मीद में 15 साल पहले दिल्ली आया था. अर्जुन और कविता दोनों ही मार्शल आर्ट में ब्लैक बेल्ट थे. कविता एक मेधावी छात्रा थी. इसी वजह से घरवाले कविता को ज्यादा सपोर्ट करते थे, जबकि अर्जुन का पढ़ाई में मन नहीं लगता था, वो बॉक्सिंग करना चाहता था. लेकिन घरवाले हमेशा पढ़ाई पर जोर देते रहते थे और इसको लेकर उसको डांट-फटकार भी लगाते थे.
पुलिस ने कैसे खोला केस का राज?
राजेश कुमार आर्मी से रिटायर्ड थे और फिलहाल सिक्योरिटी ऑफिसर के रूप में काम कर रहे हैं. पुलिस ने प्रथम दृष्टया पाया कि घर में कोई तोड़फोड़ या सामान की चोरी नहीं हुई है. साथ ही जब सीसीटीवी खंगाले गए तो घर में कोई आता-जाता भी नहीं दिखाई दिया. जब आसपास के लोगों से पूछा गया तो उन्होंने भी किसी विवाद से इनकार किया. फिर जब पुलिस का ध्यान इस बात पर गया कि घर के मैन गेट पर ताला पड़ा हुआ था और घर के अंदर तीनों शव पड़े हुए थे तो फिर कोई भी अपराधी अंदर-बाहर कैसे कर सकता है. इसके बाद ही पुलिस को मृतक के बेटे अर्जुन पर शक हुआ और उसे हिरासत में लिया गया. उससे जब कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया.