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दिल्ली बनी कोरोना एपिसेंटर, मुंबई समेत 5 शहरों की तुलना में कैसे बिगड़ रहे हालात?

कोरोना की इस दूसरी लहर का सबसे बड़ा एपिसेंटर देश की राजधानी दिल्ली ही बनती नज़र आ रही है. जहां हर दिन के साथ केसों की संख्या बढ़ रही है, अस्पतालों में बेड्स, वेंटिलेटर की कमी होने लगी है. ऐसे में दिल्ली के लिए आने वाले कई दिन काफी अहम होने जा रहे हैं.

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दिल्ली में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है (फोटो: PTI)
दिल्ली में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है (फोटो: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना की नई लहर का दिल्ली में कहर
  • कई बड़े शहरों के मुकाबले तेजी से बढ़े मामले

देश में कोरोना वायरस की लहर इतनी तेज़ हो गई है कि अब हर पिछला रिकॉर्ड टूटता जा रहा है. बुधवार को ही देश में 1.84 लाख कोरोना के नए केस दर्ज किए गए हैं. कोरोना की इस दूसरी लहर का सबसे बड़ा एपिसेंटर देश की राजधानी दिल्ली ही बनती नज़र आ रही है. जहां हर दिन के साथ केसों की संख्या बढ़ रही है, अस्पतालों में बेड्स, वेंटिलेटर की कमी होने लगी है. ऐसे में दिल्ली के लिए आने वाले कई दिन काफी अहम होने जा रहे हैं.

कोरोना की नई लहर की चपेट में आई दिल्ली देश के कई बड़े शहरों को पीछे छोड़ती जा रही है. फिर चाहे वो मुंबई हो या फिर चेन्नई, दिल्ली की इस ताज़ा लहर ने हर किसी की चिंता को बढ़ा दिया है. 

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बड़े शहरों के मुकाबले कहां है दिल्ली?
राजधानी में हर दिन कोरोना के नए मामले रिकॉर्ड बना रहे हैं, बीते दिन आए आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं. दिल्ली में मंगलवार को कुल 13 हज़ार से अधिक केस दर्ज किए गए, जो अबतक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. लेकिन, अगर मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई और कोलकाता जैसे महानगरों से तुलना करें तो दिल्ली इनमें सबसे आगे ही नज़र आती है. 

पांच बड़े शहरों से तुलना ( एक दिन में दर्ज किए गए सबसे अधिक केस)
•    दिल्ली: 13,468
•    मुंबई: 11,163
•    बेंगलुरु: 6387 
•    चेन्नई: 2105
•    कोलकाता: 1271

एक्टिव केस की संख्या में तेज़ी से हो रही है बढ़ोतरी 
सिर्फ एक दिन में आने वाले मामले ही नहीं, बल्कि दिल्ली के लिए एक्टिव केस की बढ़ती रफ्तार भी खतरे की घंटी बजा रही है. दिल्ली में इस वक्त कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 43,510 पहुंच गई है, पिछले एक हफ्ते में ही सबसे बड़ी उछाल दर्ज की गई है. हालांकि, मुंबई में एक्टिव केस की संख्या काफी ज्यादा है वहां अभी भी 86 हज़ार से अधिक एक्टिव केस हैं. वहीं, बेंगलुरु में इस वक्त 57 हज़ार एक्टिव केस हैं. 

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कोरोना के खिलाफ दिल्ली कितनी तैयार? 50 से ज्यादा अस्पतालों में एक भी वेंटिलेटर और ICU बेड उपलब्ध नहीं

अस्पतालों में बेड्स की कमी
देश के हर कोने से इस वक्त अस्पतालों में बेड्स की कमी की शिकायत आ रही है. छोटा शहर हो या फिर बड़ा शहर. दिल्ली का हाल भी ऐसा ही है दिल्ली में इस वक्त एक दर्जन से अधिक प्राइवेट अस्पताल ऐसे हैं जहां एक भी कोरोना बेड नहीं है. दिल्ली सरकार की वेबसाइट के मुताबिक, राजधानी में अभी 4739 बेड्स खाली हैं, लेकिन वेंटिलेटर सिर्फ 76 ही खाली हैं. 


दिल्ली के जैसा ही हाल मुंबई का भी है, जहां पर बेड्स की कमी रिपोर्ट की जा रही है. मुंबई में कई प्राइवेट अस्पतालों में बेड्स फुल हो गए हैं, जिसके बाद राज्य सरकार ने कोविड सेंटर्स में ऑक्सीजन बेड्स की सुविधा करने की तैयारी की है. BMC के मुताबिक, मुंबई में सिर्फ 4,988 कोरोना बेड्स उपलब्ध हैं.

दिल्ली में अस्पतालों की कमी के दावे पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सफाई दी. सत्येंद्र जैन ने जानकारी दी है कि कुल 13 हज़ार बेड तैयार हैं, अभी संख्या और भी बढ़ाई जा रही है. राजधानी में वेंटिलेटर की कमी नहीं है.

दिल्ली में अभी कोरोना का हाल: 
•    बीते 24 घंटे में सामने आए केस: 13468
•    बीते 24 घंटे में कुल मौतें: 81
•    कुल एक्टिव केस: 43,510
•    कुल केस की संख्या: 7,50,156
•    अबतक हुई मौतें: 11,436 

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