दिल्ली में शराब का संकट खत्म करने के लिए आबकारी विभाग अपनी पुरानी पॉलिसी पर लौट आया है. डिप्टी सीएम और आबकारी विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया ने आज कह दिया है कि जब तक नई पॉलिसी नहीं आ जाती है अगले छह महीने तक हम पुरानी व्यवस्था पर ही चलेंगे. दिल्ली के कई पॉश इलाकों में शराब की किल्लत के बीच नई शराब नीति की मियाद 31 जुलाई 2022 को खत्म हो रही थी.
मनीष सिसोदिया ने क्या कहा?
सिसोदिया ने कहा कि हम दिल्ली में गुजरात जैसी जहरीली शराब से त्रासदी नहीं चाहते, इसलिए दिल्ली पुरानी आबकारी नीति ही लागू रहेगी. सिसोदिया ने कहा कि ये लोग चाहते हैं कि दिल्ली में शराब की किल्लत हो क्योंकि अगर किल्लत होती है तो इन्हें फायदा होता है. डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारी सरकार पिछले साल नई एक्साइज पॉलिसी लेकर आई थी. पहले दिल्ली में 850 दुकानें होती थी और हमने नई पॉलिसी में तय किया कि उतनी ही दुकानें खोली जाएंगी, कोई नई दुकान नहीं खोली जाएगी.
सिसोदिया ने बताया कि पहले दिल्ली सरकार को 6000 करोड़ रुपये का रिवेन्यू मिलता था, अब 9500 करोड़ रुपये का रिवेन्यू आने लगा है. आज दिल्ली में कुल 468 दुकानें ही चल रही हैं और एक अगस्त से कई और दुकान कम हो जाएंगी क्योंकि सीबीआई, ईडी के डर से कई और लोग भी दुकानें छोड़कर जाने वाले हैं.
आबकारी विभाग ने मांगी निगमों से जानकारी
एक्साइज विभाग ने दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DSIIDC), दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DTTDC), दिल्ली कंज्यूमर कोऑपरेटिव होलसेल स्टोर (DCCWS) और दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाईज़ कॉर्पोरेशन (DSCSC) का रूख किया है क्योंकि ये वही सरकारी विभाग हैं जो पुरानी शराब पॉलिसी के तहत शराब बेच रहे थे. एक्साइज विभाग ने पुराने वेंडर का नाम और लोकेशन, पुराने स्टाफ की जानकारी, जगह रेंट की थी या पीएसयू की. मौजूद वक्त में लिकर वेंडर की जगह खाली है या भरी हुई है ये सारी जानकारी इन सभी सरकारी विभागों को देने के लिए कहा है.
'दिल्ली में नहीं होगी दारू की किल्लत'
हालांकि 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू होने के बाद से जिन प्राइवेट वेंडर्स की दुकानों पर ताला लग गया था वो अब भी सरकार से एक मौके की मांग कर रहे हैं. दावा है कि दिल्ली में शराब का संकट नही पैदा होने देंगे. दिल्ली लिकर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश गोयल ने कहा कि "सरकार हमें 6 महीने के लिए मौका देगी तो दो दिन के अंदर आधी से ज्यादा दुकानें खोल देंगे, जिससे दिल्ली के लोगों को भरपूर दारू मिल सके."
ऐसी थी पुरानी शराब पॉलिसी
पुरानी शराब पॉलिसी में L1 और L10 लाइसेंस रिटेल वेंडर को दिया जाता था, जिसमें L1 दुकानें डीडीए के अप्रूव्ड मार्केट, लोकल शापिंग सेंटर, कन्वीनिएंट शॉपिंग सेंटर, डिस्ट्रिक्ट सेंटर और कम्युनिटी सेंटर में चला करती थीं. दोनों तरह के लाइसेंस 2003 से चल रहे थे. L10 वाइन शॉप के लाइसेंस शॉपिंग मॉल के लिए थे. पुरानी पॉलिसी के तहत 260 प्राइवेट रिटेल शॉप, 480 गवर्नमेंट शॉप यानी कुल 740 शॉप थी. हर साल वेंडर लाइसेंस रिन्यू के लिए फीस भरता है हालांकि होलसेल की प्राइस फिक्स थी और बिलिंग अमाउंट पर वैट लगता था.
32 जोन में बांटा गया था शहर
दिल्ली की नई शराब नीति (2021-2022) के तहत पूरी दिल्ली को 32 लिकर जोन में बांटा गया. 9 जोन ने पहले ही लाइसेंस सरेंडर कर दिया है. इसके तहत 849 दुकानें खुलीं. 31 जोन में 27 दुकानें मिली. एयरपोर्ट जोन को 10 दुकानें मिलीं. 639 दुकानें 9 मई को और 464 दुकानें 2 जून को खोली गईं. जबकि इस शराब पॉलिसी 17 नवंबर 2021 को लागू होने से पहले दिल्ली में शराब की कुल 864 दुकानें थी. 475 दुकानें सरकार चला रही थी, जबकि 389 दुकानें प्राइवेट थीं.
नई शराब नीति का खास मकसद
शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 साल कर दी गई. इसके साथ ही ड्राइ डे भी घट गए. शराब माफिया को खत्म करने और शराब के समान वितरण का सरकार का लक्ष्य है. दिल्ली पहली सरकार बनी जिसने शराब व्यवसाय से खुद को अलग कर लिया. पब्लिक प्लेस में स्टोर के आगे कोई शराब पीता है तो पुलिस नहीं बल्कि स्टोर वाला जिम्मेदार होगा. लोगों को स्टैंडर्ड लेवल की शराब पीने को मिलेगी.