दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को नई एग्जामिनेशन गाइडलाइंस व प्रमोशन पॉलिसी जारी कर दी है. यह पॉलिसी कक्षा पांच से आठवीं तक के लिए लागू होगी जो शैक्षणिक सत्र 2023-24 से जारी गई है. संसद द्वारा 2019 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) में किए गए संशोधनों को ध्यान रखते हुए दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है. एससीईआरटी के नए असेसमेंट गाइडलाइन्स को शैक्षणिक सत्र 2023-24 से सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगर पालिका, दिल्ली छावनी बोर्ड और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में लागू किया जाएगा.
RTE में संशोधन कर राज्यों को अनुमति दी गई कि राज्य यह तय कर सकते हैं कि कैसे और किन परिस्थितियों में ‘नो डिटेंशन’ पॉलिसी से इतर जाते हुए कक्षा 5वीं व 8वीं में विद्यार्थियों को डिटेन कर उनके अगली कक्षा में प्रमोशन को रोक सकते है. इस गाइडलाइन में स्पष्ट है कि दिल्ली के स्कूलों में 5वीं से 8वीं कक्षा में विद्यार्थियों का किस प्रकार असेसमेंट होगा और ऐसी कौन-सी परिस्थितियां होगी जब 5वीं व 8वीं के बच्चों को अगली कक्षा में प्रोमोट करने से रोका जा सकेगा.
इस पॉलिसी से बच्चों को यह होगा फायदा
एससीईआरटी दिल्ली द्वारा तैयार किए गए इस नए असेसमेंट व प्रमोशन गाइडलाइन्स को शुक्रवार को शिक्षा निदेशालय द्वारा दिल्ली के सभी सरकारी, लोकल बाडीज व प्राइवेट स्कूलों के लिए जारी किया गया. इस नई गाइडलाइन्स के अनुसार कक्षा 5वीं व 8वीं में बच्चों की लर्निंग का मूल्यांकन में अर्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा के साथ-साथ को-करिकुलर गतिविधियां भी शामिल होंगी.
इन को-करिकुलर गतिविधियों में प्रोजेक्ट बेस्ड गतिविधियां, पोर्टफोलियो, कक्षा में बच्चे की प्रतिभागिता, थिएटर, डांस, म्यूजिक, स्पोर्ट्स आदि गतिविधियों में प्रतिभागिता, बच्चे की अटेंडेंस इत्यादि शामिल है. इससे विद्यार्थियों को अपनी स्किल को बेहतर करने के साथ-साथ प्रदर्शन सुधारने का मौका मिलेगा.
तैयारी न होने के कारण पॉलिसी का पूरा लाभ नहीं मिल सका
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि नो डिटेंशन पॉलिसी एक बहुत ही प्रोग्रेसिव पॉलिसी थी लेकिन पूरी तैयारी न होने के कारण एजुकेशन सिस्टम इसका पूरा लाभ नहीं उठा सका, लेकिन हमें एलिमेंट्री स्तर पर मजबूत नींव तैयार करने के लिए एक ऐसी व्यवस्था तैयार करने की जरूरत है, जो बच्चे के सर्वांगीण विकास पर काम करे और वहां लर्निंग इस स्तर का हो कि डिटेंशन की जरूरत ही न पड़े.
जब कोई बच्चा फेल होता है तो सिस्टम फेल होता है
सिसोदिया ने कहा कि हमारा उद्देश्य किसी भी विद्यार्थी को अगली क्लास में जाने से रोकना नहीं है क्योंकि कभी भी कोई बच्चा फेल नहीं होता बल्कि सिस्टम फेल होता है. इन गाइडलाइंस के माध्यम से हमारा असल उद्देश्य शिक्षा के प्रति संवेदनशीलता लाना है ताकि सभी लोग 5वीं व 8वीं कक्षाओं को भी उतनी ही गंभीरता दिखाएं, जितनी गंभीरता वे 10वीं 12वीं कक्षा के लिए दिखाते हैं.
क्या है नई असेसमेंट गाइडलाइन्स और प्रमोशन पॉलिसी:
- किसी भी बच्चे को प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक स्कूल से नहीं निकाला जाएगा.
- हर शैक्षणिक वर्ष के अंत में कक्षा V और VIII में नियमित परीक्षा होगी.
- अगर कोई बच्चा कक्षा 5वीं या 8वीं की परीक्षा में फेल हो जाता है तो उसे परिणाम घोषित होने की तारीख से दो महीने की अवधि के भीतर फिर से परीक्षा का मौका दिया जाएगा.
- कक्षा III, IV, VI और VII का मूल्यांकन कक्षा V और VIII के समान परीक्षा पैटर्न पर किया जाएगा. कक्षा III, IV, VI और VII के छात्रों को एक ही कक्षा में डिटेन नहीं किया जाएगा.
- कक्षा III से VIII के लिए शैक्षणिक सत्र में मध्यावधि परीक्षा (सितंबर /अक्टूबर) और वार्षिक परीक्षा (फरवरी और मार्च) के रूप में मूल्यांकन होगा.
- कक्षा III से VIII के लिए पेन और पेपर आधारित परीक्षा आयोजित की जाएगी. इस परीक्षा में रटने के बजाय स्किल्स, समझ व वास्तविक जीवन में अपने ज्ञान के प्रयोग के आधार पर विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाएगा.
- इंटरनल असेसमेंट के लिए अंकों में सब्जेक्ट एनरिचमेंट, उपस्थिति, परियोजना आधारित गतिविधियों, पोर्टफोलियो आदि शामिल होंगे.
यह होगा कक्षा 5वीं व 8वीं के लिए पासिंग क्राइटेरिया
- अगली कक्षा में प्रमोशन के लिए सत्र के अंत में पास घोषित होने के लिए, विद्यार्थी को सत्र में हर विषय में कम से कम 33% अंक लाने होंगे.
- अगली उच्च कक्षा में प्रमोशन के लिए जरूरी है कि विद्यार्थी इंटरनल असेसमेंट में प्राप्त किए अंकों के अलावा मध्यावधि परीक्षा और वार्षिक परीक्षा में कुल अंक में से न्यूनतम 25% अंक प्राप्त करे.
- फिर से हुई परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित होने के लिए छात्र को उस विषय में कम से कम 25% अंक प्राप्त करने होंगे, जिसमें उसने पुन: परीक्षा दी है.
- अगर कोई छात्र उस विषय (विषयों) में कम से कम 25% अंक नहीं ला पाता है, जिसमें उसने पुन: परीक्षा दी है और उस विषय (विषयों) में 100 में से न्यूनतम 33 अंक प्राप्त नहीं करता है तो उसे "आवश्यक पुनरावृत्ति" की श्रेणी में रखा जाएगा. इस मामले में छात्र को अगले सत्र के दौरान उसी कक्षा में वापस रखा जाएगा.