सरबजीत की मौत के बाद दिल्ली हाई अलर्ट पर है. सभी महत्वपूर्ण जगहों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वहीं तिहाड़ में भी पाकिस्तानी कैदियों की सुरक्षा को देखते हुए चौकसी बढी है. गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के घर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.
सरबजीत की मौत के बाद दिल्ली में किसी तरह के हंगामे, विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने जगह-जगह सुरक्षा चौकस कर दी है. विशेषतौर पर तिहाड़ में पाकिस्तानी कैदियों की सुरक्षा को बढ़ाया गया है, जिससे गुस्से में अन्य कैदी किसी का नुकसान न करें. तिहाड़ जेल में कई पाकिस्तानी कैदी बंद है.
पाकिस्तान में मौत की सजा पाए भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की मौत हो गई है. लाहौर के सरकारी जिन्ना अस्पताल में उन्होंने रात सवा एक बजे अंतिम सांस ली. भारत ने सरबजीत सिंह के शव को सौंपे जाने की मांग की है. साथ ही सरबजीत सिंह की मौत के मामले की जांच अंतरराष्ट्रीय एजेंसी कराने की मांग की गई है. भारत ने कहा कि सरबजीत सिंह की हत्या की गई है.
गौरतलब है कि सरबजीत को वर्ष 1990 में पंजाब प्रांत में हुए कई बम विस्फोटों में कथित रूप से उनकी संलिप्तता के लिए दोषी ठहराया गया था. इस हमले में 14 लोग मारे गए थे. सरबजीत ने पाकिस्तानी जेलों में तकरीबन 22 साल बिताए. सरबजीत पर शुक्रवार को कोट लखपत जेल में छह कैदियों ने हमला किया था और उसके सिर की हड्डी में चोट आने के साथ ही उसे कई जगह चोटें लगी थीं. उसके सिर पर ईंटों से हमला किया गया तथा उसकी गर्दन और धड़ पर तेज हथियारों से वार किए गए. उसके बाद से वह अस्पताल में अचेतावस्था में थे.
पुलिस ने मौत की सजा का सामना कर रहे दो कैदियों आमिर आफताब और मुदस्सर के खिलाफ हमले के लिए मामला दर्ज किया है. उन दोनों ने कथित तौर पर जांच अधिकारियों से कहा है कि उन्होंने सरबजीत पर इसलिए हमला किया क्योंकि उसने कथित तौर पर लाहौर में बम विस्फोट किए थे. सरबजीत को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहे जेल के अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.