राजधानी दिल्ली में पिछले 16 दिनों में खुले आसमान के नीचे सोने से 103 लोगों की हुई मौत का मामला गरमाता जा रहा है. इस मामले में दिल्ली सरकार ने संबंधित दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड से रिपोर्ट तलब कर ली है. दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय का कहना ह कि यह मामला काफी गंभीर है और इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है ताकि पता लगाया जा सके कि आखिरकार इन मौतों की वजह क्या है.
हालांकि पिछले डेढ़ महीने में जिस तरह सर्दी की वजह से साढ़े तीन सौ से ज्यादा लोगों (337) की मौत हुई. उस पर विपक्ष लगातार आक्रामक रूप अख्तियार करता नजर आ रहा है. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की सही मंशा न होने के कारण दिल्ली में बेघर लोगों की मौत हुई है. सरकार के पास न तो कोई प्लानिंग थी और न ही कोई स्ट्रक्चर जिसकी वजह से दिल्ली में ये मौतें हुई हैं.
वहीं, कांग्रेस के पूर्व मंत्री हारून यूसुफ ने भी इसके लिए सीधे तौर पर आम आदमी पार्टी (आप) को जिम्मेदार ठहराया. यूसुफ का कहना था कि जब उनकी सरकार थी तो सर्दी आने से पहले तमाम विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की जाती थी, प्लानिंग की जाती थी, लेकिन सरकार ने न तो कोई प्लानिंग और न ही कोई बैठक, यही वजह है कि मजबूरन लोगों को सड़कों पर सोना पड़ रहा है.
राजधानी दिल्ली में हुई मौतों से सिर्फ कांग्रेसी नहीं बल्कि बीजेपी भी आम आदमी पार्टी को घेरने में लगी है. दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली जनता इसका जवाब देगी. केजरीवाल सरकार ने एक भी नाइट शेल्टर का इंतजाम नहीं किया जिसके कारण लोग सड़कों पर सोने के लिए मजबूर हैं.