scorecardresearch
 

हाई कोर्ट का दिल्ली सरकार से सवाल- RT-PCR टेस्ट में क्यों कमी आ रही

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से उन अस्पतालों की लिस्ट मांगी जिसमें ऑक्सीजन की कमी है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन सप्लाई के लिए केंद्र एक अलग कॉरिडोर तैयार करे.

Advertisement
X
सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ऑक्सीजन किल्लत पर आज हुई सुनवाई
  • केंद्र ने दिल्ली सरकार पर लगाए आरोप
  • ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट के लिए अलग बने कॉरिडोरः HC

राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को लेकर मचे हाहाकार के बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन हो. साथ ही केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि टैंकरों के लिए अतिरिक्त संरक्षण मुहैया कराई जाए. बाद में कोर्ट में कोरोना टेस्टिंग के बाद रिपोर्ट मिलने में हो रही देरी के मामले में सुनवाई हुई

Advertisement

क्यों कम होने लगे RT-PCR टेस्टः HC

दिल्ली हाई कोर्ट ने राजधानी में RT-PCR टेस्ट में हो रही कमी पर सवाल उठाया. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि हर दिन RT-PCR टेस्ट में कमी क्यों आ रही है. 19 अप्रैल को 68 हजार टेस्ट किए गए थे और अब 20 अप्रैल को घटकर 56 हजार रह गए. इसी तरह 21 अप्रैल में सिर्फ 45 हजार टेस्ट हुए

टेस्टिंग में लगातार हो रही गिरावट का कारण यह है कि दिल्ली सरकार ने आदेश दिया है कि जो लैब 24 से 36 घंटे के बीच में अपनी रिपोर्ट नहीं देंगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके कारण लैब्स ने टेस्टिंग के लिए आने वाले लोगों को मना करना शुरू कर दिया है.

कोर्ट में सुनवाई के इतर ऑक्सीजन की कमी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरुवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. उन्होंने बैठक के दौरान कहा कि राज्यों को बिना रुकावट ऑक्सीजन मिलना चाहिए. ऑक्सीजन की आपूर्ति तेज होनी चाहिए. जमाखोरी करने वालों के खिलाफ राज्य एक्शन लें. साथ ही कहा कि ऑक्सीजन सप्लाई के नए तरीके तलाशे जाएं.

Advertisement

अलग कॉरिडोर तैयार करे केंद्रः HC

ऑक्सीजन को लेकर हाईकोर्ट ने कहा कि हम सभी अन्य पक्षों को निर्देश देते हैं कि आदेशों का कड़ाई से पालन हो. इस आदेश की अवहेलना को गंभीरता से लिया जाएगा और इससे बड़ी संख्या में लोगों की मौत की संभावना बनेगी और ऐसा होने गंभीर आपराधिक एक्शन लिया जाएगा. यह अपराध माना जाएगा.

हाई कोर्ट ने कहा कि हम सभी अन्य पक्षों को निर्देश देते हैं कि वह अपने आदेशों का पालन करें. साथ ही केंद्र टैंकरों के लिए अतिरिक्त संरक्षण मुहैया कराए. कोर्ट ने केंद्र से कहा कि केंद्र ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्ट के लिए एक अलग कॉरिडोर तैयार करे.

दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार से उन अस्पतालों की लिस्ट मांगी जिसमें ऑक्सीजन की कमी है. केंद्र ने इस दौरान कहा कि लिस्ट अभी देने के बजाय वो कुछ देर बाद भी लिस्ट दे सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार कुछ समय बाद भी रिपोर्ट दाख़िल कर सकती है. साथ ही केंद्र ने दिल्ली सरकार पर मामले को सनसनीखेज बनाने का आरोप लगाया.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमें कल करीब 80-82 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त हुआ और आज हमें एक मीट्रिक टन भी प्राप्त नहीं हुआ.

Advertisement

केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली सरकार बेवज़ह इस मामले को सनसनीखेज बनाने में लगी है, इस मामले में संवेदनशील होने की जरूरत है,न की ट्वीट करके या सोशल मीडिया पर पैनिक फ़ैलाकर. इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि हरियाणा से न देकर राउलकेला से ऑक्सीजन क्यों दी जा रही है.

झारखंड के हर जिले में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड

झारखंड सरकार का दावा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की निगरानी में कोविड मरीजों की चिकित्सा और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. हाल के कुछ दिनों में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की काफी जरूरत महसूस की जा रही थी. मुख्यमंत्री ने खुद इस मामले की समीक्षा कर रहे थे और उन्होंने यथाशीघ्र बेड के इंतजाम करने का निर्देश दिया था.

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य के सभी जिलों में कम से कम 50 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था की गई है. सिर्फ 15 दिनों में ही राज्य में 1824 नए ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था की गई है. राज्य में कुछ दिनों पहले तक 7201 सामान्य बेड थे और अब इसकी संख्या 12,012 हो गई है. इसी तरह ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या 1459 थी उसकी  संख्या बढ़ाकर 5947 हो गई है. आईसीयू बेड (एनआइवी+नार्मल) की संख्या पहले 481 थी अब इनकी संख्या बढ़ाकर 3272 की गई है. वेंटिलेटर की संख्या को 502 से बढ़ाकर 634 किया गया है.

Advertisement

एक और हॉस्पिटल ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा

दिल्ली में ऑक्सीजन का संकट अभी टला नहीं है. गुरुवार को कुछ अन्य अस्पतालों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, ताकि तुरंत मदद मिल सके. दिल्ली के सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का कहना है कि उसके अस्पताल में 172 में से 64 मरीजों को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है. बता दें कि बीते दिन ही मैक्स अस्पताल ने हाईकोर्ट का रुख किया था.

उधार लीजिए या फिर चोरी करिए, लेकिन ऑक्सीजन लेकर आइए: HC

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था, 'गिड़गिडाइए, उधार लीजिए या फिर चोरी करिए, लेकिन ऑक्सीजन लेकर आइए, हम मरीजों को मरते नहीं देख सकते. बुधवार को दिल्ली के कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन की तत्काल जरूरत के संबंध में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने ये कड़ी टिप्पणी की थी.

दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि कोविड-19 के गंभीर रोगियों का इलाज कर रहे दिल्ली के हॉस्पिटल को किसी भी तरीके से ऑक्सीजन मुहैया कराई जाए. हैरानी जताते हुए अदालत ने ये भी कहा कि केंद्र हालात की गंभीरता को क्यों नहीं समझ रहा. अदालत ने नासिक में ऑक्सीजन से हुई मौतों का जिक्र भी किया.

Advertisement

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि उद्योग ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए कई दिनों तक इंतजार कर सकते हैं, लेकिन यहां मौजूदा स्थिति बहुत नाजुक और संवेदनशील है. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर टाटा कंपनी अपने ऑक्सीजन कोटे को डायवर्ट कर सकती है, तो दूसरे ऐसा क्यों नहीं कर सकते ? क्या इंसानियत की कोई जगह नहीं बची है ? ये हास्यास्पद है.

Live TV

 

Advertisement
Advertisement