देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही है. पिछले दो महीने की बात की जाए तो पेट्रोल डीजल की कीमतों में 7 से 8 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है.
एक समय था जब तीन साल पहले पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर मोदी सरकार ने वोट मांगे थे और कहा था कि उनकी सरकार आने के बाद पेट्रोल डीज़ल के दामों में कमी आएगी, मगर ऐसा कुछ भी होता नज़र नहीं आ रहा है.
दिल्ली में इस वक़्त पेट्रोल की क़ीमत 70.39 रुपये है. वहीं डीज़ल की क़ीमत 58.64रुपये है. दो महीने पहले दिल्ली में पेट्रोल की क़ीमत क़रीब 64 रुपये हुआ करती थी. वहीं डीज़ल की क़ीमत 54 रुपये हुआ करती थी. दिल्ली में पेट्रोल डीज़ल के दाम बढ़ने से आम आदमी की जेब पर ख़ासा असर पड़ रहा है. तीन सालों में 11 बार सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ा चुकी है.
लोगों का कहना है कि अब महीने में हज़ार से डेढ़ हज़ार रुपये तक ज़्यादा ख़र्च करने पड़ रहे हैं. फ़ील्ड वर्क कर रहे विजय का कहना है कि मेरा काम शहर में घूम कर होता है. बाइक से ही आना जाना करता हूं. हर महीने एक हज़ार से दो हज़ार रुपये तक का नुक़सान हो रहा है.
सरकार चाहे तो घट सकते हैं दाम
अप्रैल 2014 को डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.56 रुपए प्रति लीटर थी, अब 17.33 रुपए पर पहुंच चुकी है. 1 अप्रैल 2014 को पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपए प्रति लीटर थी, अब 21.48 रुपए पर पहुंच गई है. इस बढ़ोत्तरी से सरकार की कमाई 2013-14 की कमाई 77982 करोड़ रुपए से 2016-17 में बढ़कर 242691 रुपये हो गई. इस दौरान वैट और सेल्स टैक्स से राज्यों की कमाई भी 129045 करोड़ रुपए से बढ़कर 166378 करोड़ रुपए हो गई. यानी सरकार अगर एक्साइज ड्यूटी कम कर दे तो शायद लोगों को थोड़ी राहत ज़रूर मिल जाए.
वहीं ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर असोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल का कहना है कि अगर सरकार एक्साइज ड्यूटी कम कर दे तो पेट्रोल डीज़ल के दाम ज़रूर घट जाएंगे. दिल्ली एनसीआर में भी ख़ासकर नोएडा में पेट्रोल 72 .55 पैसे हो गया है. यह पूरे एनसीआर में सबसे ज़्यादा है.
पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ने के कारण हरियाणा के गुरुग्राम में भी लोगों को ख़ासी परेशानी हो रही है. गुरुग्राम में कई लोग टैक्सी चलाते हैं. डीज़ल के दाम बढ़ने के कारण यहां सबसे ज्यादा असर टैक्सी चालकों पर पड़ता नज़र आ रहा है. उनका कहना है कि इससे क़रीब तीन से चार हज़ार रुपये तक महीनेभर में नुक़सान हो रहा है. कुल मिलाकर अगर सरकार चाहे तो एक्साइज ड्यूटी को कम कर पेट्रोल डीज़ल के दाम कम कर लोगों को राहत दे सकती है.