दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित RAU's IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में शनिवार को अचानक पानी भर गया. इस हादसे में तीन छात्रों की मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है. उनसे अभी पूछताछ की जा रही है. कोचिंग के बेसमेंट में पानी कैसे घुसा इसको लेकर दिल्ली पुलिस की टीम और फायर डिपार्टमेंट की टीम ने दो थ्योरी पर जांच कर रही है.
RAU's आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से छात्रों की मौत के बाद दो थ्योरी (क्या बेसमेंट में भी कोचिंग चल रही थी? बिल्डिंग के पास फायर विभाग की NOC की या नहीं और मेन गेट पर लगा शेड कैसे टूटा?) पर अपनी जांच शुरू की है. साथ ही पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक और कोऑर्डिनेटर को हिरासत में ले लिया है.
बेसमेंट में पानी कैसे घुसा?
सूत्रों का कहना है कि तेज बारिश के बाद कोचिंग का गेट बंद कर दिया गया. जिस पर स्टील शेड लगा हुआ था ताकि पानी अंदर नहीं जा पाए, लेकिन जैसे ही बारिश का पानी सड़क पर ज्यादा भरा तो पानी का प्रेशर इतना ज्यादा था कि स्टील तीन शेड को तोड़ते हुए बेसमेंट में भर गया. बेसमेंट में पानी भरने से कोचिंग में मौजूद स्टूडेंट्स अंदर फंस गए.
'किसने खोला कोचिंग का गेट'
पुलिस ये भी जांच कर रही है कि एक कार को बाहर निकलने के लिए गेट खोला गया था, जिसके बाद पानी काफी तेजी से अंदर आ गया. यह जांच का विषय है कि आखिरकार गेट किसने बंद किया और खोला?. बेसमेंट की गहराई जमीन से करीब 8 फीट नीचे है. सड़क का भरा हुआ पानी गेट को तोड़ते हुए बेसमेंट के अंदर पहुंच गया, जिसके कारण तीन छात्रों की मौत हो गई. इन्हीं दो थ्योरिज पर पुलिस और फायर की टीम ने अपनी जांच शुरू की है. मुखर्जी नगर कोचिंग में आग लगने की घटना के बाद कोर्ट के आदेश पर शुरू हुआ कोचिंग सेंटर्स का सर्वे अभी-भी जारी है.
दिल्ली फायर के अधिकारी अतुल गर्ग के मुताबिक, राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग इंस्टीट्यूट को फायर एनओसी मिली हुई है. राजधानी दिल्ली में इससे पहले कोचिंग इंस्टीट्यूट को फायर एनओसी लेना अनिवार्य नहीं था, लेकिन पिछले साल मुखर्जी नगर के कोचिंग इंस्टीट्यूट में आग लगने की घटना के बाद कोर्ट के आदेश पर ऐसे तमाम इंस्टीट्यूट का सर्वे हुआ, जिसमें आग के मानकों की जांच की गई. उसके बाद बिल्डिंग बायलॉज के अंदर कोचिंग इंस्टीट्यूट को भी लाया गया और फायर एनओसी जरूरी बताई गई.
अतुल गर्ग कहते हैं यही वजह है कि राजेंद्र नगर के इलाके में करीब अधिकतर कोचिंग इंस्टीट्यूट बिना फायर एनओसी के ही चल रही हैं, क्योंकि अब तक दिल्ली में कोचिंग इंस्टीट्यूट के लिए फायर एनओसी जरूरी नहीं थी.
नगर निगम का क्या है कहना
वहीं, दिल्ली नगर निगम के सूत्रों का कहना है कि कमर्शियल बिल्डिंग के आधार पर राजेंद्र नगर के इलाके में कोचिंग चलाने की परमिशन है. हालांकि, यह जांच का विषय है कि उस वक्त बेसमेंट में कोचिंग तो नहीं चल रही थी, क्योंकि सिर्फ अपर फ्लोर्स पर ही कोचिंग चलाने की अनुमति है.
निगम सूत्रों का कहना है कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट के साथ ही कन्वर्जन और पार्किंग चार्ज जमा किए गए हैं. दूसरी ओर बिल्डिंग का नक्शा भी पास है.
दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक, शनिवार शाम सात बजे कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने की सूचना मिली थी. डिपार्टमेंट को कॉल किया गया था कि कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर गया है और कई छात्र फंसे हुए हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. आलम ऐसा था कि गोताखोरों को पानी में उतारना पड़ा.
लाइब्रेरी में पढ़ रहे थे 30 से 35 छात्र
कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में लाइब्रेरी बनी हुई है. इस वजह से यहां ठीक-ठाक संख्या में छात्र पढ़ रहे थे. फायर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर अतुल गर्ग के मुताबिक, घटना के वक्त 30 छात्र मौजूद थे, जिनमें से 3 फंस गए थे. रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद तीन छात्रों के शव बरामद किए गए. मरने वालों में दो छात्राएं और एक छात्र है.
2-3 मिनट में भरा गया था बेसमेंट
शुरुआती जांच में पता चला है कि बेसमेंट में लाइब्रेरी थी, जहां कई छात्र मौजूद थे. बेसमेंट में अचानक पानी भरने लगा था. रस्सियां फेंककर फंसे हुए छात्रों को वहां से निकाला गया. एक छात्र ने बताया कि शाम 7 बजे लाइब्रेरी बंद होने पर जैसे ही हम बाहर निकले, तो सामने से बहुत तेज प्रेशर से पानी आ रहा था. जब तक हम लोग लाइब्रेरी खाली करते, तब तक घुटनों तक पानी भर चुका था. उसने बताया कि बहाव इतना तेज था कि हम सीढ़ियां नहीं चढ़ पा रहे थे. 2-3 मिनट के अंदर पूरे बेसमेंट में 10-12 फीट पानी भर गया. वहां से निकलने के लिए रस्सियां फेंकी गईं, लेकिन पानी इतना गंदा था कि कुछ भी नहीं दिख रहा था.