कहते हैं कि खूनी कितना ही चालाक क्यों न हो, कुछ न कुछ निशानी छोड़ ही जाता है, और यही निशानी उसे सलाखों के पीछे भेजती है. ऐसा ही कुछ दिल्ली के नजफगढ़ में भी हुआ. कुछ दिन पहले नजफगढ़ इलाके में दो लोगों ने मामूली विवाद पर एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस कई दिनों से आरोपियों को ढूंढ रही थी. ये आरोपी बिना नंबर प्लेट की बुलेट पर ही घूमते थे. और यही उनकी गिरफ्तारी का कारण भी बनी. पुलिस ने भी इन आरोपियों को बिना नंबर प्लेट की बुलेट पर घूमते वक्त ही गिरफ्तार किया. पकड़ में आए आरोपियों के नाम किशन और विजय पाल है.
दरअसल, 17 मार्च को नजफगढ़ थाने में किसी ने कॉल करके बताया कि नया बाजार इलाके में एक शख्स को गोली मार दी गई है. पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुचीं और घायल को PCR से दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन तब तक पीड़ित की मौत हो चुकी थी. मृतक का नाम रामबिलास था.
ऐसे पकड़ में आए दोनों आरोपी
पूछताछ में पता लगा कि रामबिलास छोले भटूरे और अंडे की रेहड़ी लगाया करता था. लेकिन घर वालों और आसपास के लोगों से पूछताछ में पुलिस को कोई सुराग नही मिला. कत्ल को जिस तरह से अंजाम दिया गया था उससे पुलिस को शक हुआ कि इसके पीछे आपसी रंजिश वजह जो सकती है. इसके बाद पुलिस ने पहले आसपास के CCTV फुटेज को खंगाला लेकिन आरोपियों का कोई सुराग नही मिला.
आसपास CCTV की जांच में जब पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला, तो पुलिस ने करीब 15 से 20 किलोमीटर के दायरे के CCTV की जांच की. पुलिस को एक बिना नंबर प्लेट की बुलेट नजर आई. बुलेट पर बैठे लोग संदिग्ध लगे. इसके बाद पुलिस बिना नंबर प्लेट की बुलेट की खोज में जुट गई. 21 मार्च को पुलिस को जानकारी मिली कि दो संदिग्ध बुलेट पर नया बाजार इलाके में घूम रहे हैं. जिसके बाद पुलिस ने रेड कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने दोनों के पास से तमंचा और जिंदा कारतूस बरामद किया है.
हत्या की वजह क्या थी?
पूछताछ में दोनों ने बताया कि जहां पर विजयपाल अपनी रेहड़ी लगाता था, वहीं पर रामबिलास भी लगाता था. इसी बात पर दोनो में अनबन रहती थी. इसके बाद विजयपाल ने रामबिलास को रास्ते से हटाने की साजिश रची थी.