देश की राजधानी दिल्ली में डिजिटल अरेस्ट के जरिए लोगों से ठगी करने वाले दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने सोमवार को कहा कि आरोपियों ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर लोगों को धोखा दिया था.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, 'डिजिटल गिरफ्तारी' एक ऐसी ट्रिक है जहां आरोपी खुद को कानून प्रवर्तन एजेंसी के अधिकारी, जैसे कि सीबीआई या सीमा शुल्क अधिकारी बताते हैं, और फर्जी अंतरराष्ट्रीय पार्सल के नाम पर वीडियो कॉल करके लोगों को गिरफ्तारी की धमकी देते हैं.
पकड़े गए दो आरोपी
पुलिस के मुताबिक आरोपियों की पहचान राकेश सिंह (26) और सचिन सांगवान (25) के रूप में हुई है. दिल्ली पुलिस के उपायुक्त रोहित मीना ने कहा, '28 मार्च, 2023 को, सौरभ पिल्ले ने एनसीआरपी वेब पर एक ऑनलाइन शिकायत दर्ज की थी जहां उन्होंने पुलिस को बताया था कि उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय कूरियर कंपनी के प्रतिनिधि का फोन आया, जिसने बताया कि मुंबई से उनके नाम पर एक पैकेज बुक किया गया था, जिसमें एक एटीएम कार्ड, एक सिम था.
उन्होंने कहा, कर्मचारी ने उसे पुलिस को सूचित करने और कोलाबा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करने की सलाह दी और कॉल को फर्जी क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को ट्रांसफर कर दिया, जिन्होंने वीडियो कॉल पर उससे पूछताछ की.
फर्जी अधिकारी बनकर दिखाया वारंट
अधिकारी मीना ने कहा, ठगों ने पीड़ित को बताया कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. उपायुक्त ने बताया कि, 'डिजिटल अरेस्ट के बहाने शिकायतकर्ता से 4.95 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई. मामला दर्ज किया गया और जांच की गई. पैसे के लेन-देन की निगरानी की गई और मामले में दो लोगों की पहचान राकेश सिंह और सचिन सांगवान के रूप में की गई. .
आरोपी राकेश सिंह और सचिन सांगवान का प्रोडक्शन वारंट अदालत द्वारा जारी किया गया था और उन्हें 17 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. डीसीपी ने कहा, आगे की जांच चल रही है.