दिल्ली पुलिस ने एक रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो बांग्लादेशी घुसपैठियों को अवैध रूप से भारत में प्रवेश दिलाने, उन्हें ठिकाने पर बसाने, नकली दस्तावेज बनाने और फिर नौकरी दिलाने का काम करता था. यह सिंडिकेट सुनियोजित तरीके से बांग्लादेशी नागरिकों को भारत लाकर उनके लिए वैध पहचान बनाने की प्रक्रिया को अंजाम देता था, जिससे वे यहां लंबे समय तक बिना किसी कानूनी कार्रवाई के रह सकें.
दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह रैकेट सबसे पहले बांग्लादेशी नागरिकों को असम के रास्ते भारत में घुसपैठ कराता था. इसके बाद उन्हें दिल्ली लाया जाता था, जहां उनके रहने की व्यवस्था की जाती थी. इस सिंडिकेट के सदस्यों का नेटवर्क इतना मजबूत था कि वे इन अवैध प्रवासियों के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, और अन्य सरकारी दस्तावेज बनवाने में मदद करते थे. इन दस्तावेजों की मदद से उन्हें देशभर में छोटे-मोटे कामों में लगा दिया जाता था.
पुलिस ने चार आरोपी किए गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए इस सिंडिकेट के तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा, एक व्यक्ति को भी पकड़ा गया है, जो इन घुसपैठियों के लिए जाली दस्तावेज तैयार करने का काम करता था. पुलिस को संदेह है कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, और आगे की जांच जारी है.
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पुलिस के अनुसार, यह नेटवर्क खासकर उन बांग्लादेशी नागरिकों को टारगेट करता था, जो बेहतर जिंदगी की तलाश में भारत आना चाहते थे. इनके लिए सीमाओं को पार कराना, फर्जी कागजात बनवाना और फिर दिल्ली में सेटल करने की व्यवस्था करना इस गैंग का मुख्य धंधा था. एक बार जब ये घुसपैठिए कानूनी रूप से भारतीय नागरिक दिखने लगते थे, तो इन्हें मजदूरी, घरेलू कामकाज और अन्य छोटे-मोटे कामों में लगा दिया जाता था.
पुलिस जांच कर रही कि अब तक कितने बांग्लादेशी घुसपैठिए इस नेटवर्क की मदद से भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं. पुलिस अब इस पूरे मामले की तह तक जाने और अन्य दोषियों को पकड़ने के लिए जांच को और तेज कर रही है.