scorecardresearch
 

'जस्टिस वर्मा ने बंगला खाली करने से मना नहीं किया', पुलिस ने अफवाहों को बताया गलत!

जस्टिस यशवंत वर्मा की ओर से बंगला खाली न करने की खबरों पर दिल्ली पुलिस ने सफाई दी. इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यशवंत के घर से मिले जले नोट के मामले की गहन जांच की मांग की है. वहीं, हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से बंगला की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने का अनुरोध किया है.

Advertisement
X
जस्टिस यशवंत वर्मा और उनका बंगला ( फाइल फोटो - पीटीआई)
जस्टिस यशवंत वर्मा और उनका बंगला ( फाइल फोटो - पीटीआई)

दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज, जस्टिस यशवंत वर्मा बीते कुछ समय से सुर्खियों में बने हुए हैं. बीते महीने उनके आवास (बंगला) से भारी मात्रा में जला हुआ कैश मिला था. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस मामले में गहन जांच की मांग की है. तो वहीं अब दिल्ली पुलिस ने जस्टिस यशवंत की ओर से बंगला न खाली करने की कथित रिपोर्टों को लेकर सफाई दी है.

दिल्ली पुलिस ने क्या दी सफाई?

जस्टिस यशवंत वर्मा को लेकर कई रिपोर्ट चल रहे हैं कि वह अपना बंगला खाली नहीं कर रहे. हालांकि, सूत्रों के अनुसार, यह कहना पूरी तरह से गलत है कि उन्होंने बंगला खाली करने से मना कर दिया है. 

दरअसल, जस्टिस यशवंत बंगला इसलिए खाली नहीं किए क्योंकि वे जांच में शामिल हैं, जो कि अभी जारी है. ऐसे में बंगला को इस समय खाली करना व्यवहारिक नहीं होगा. इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के के रजिस्ट्रार ने दिल्ली पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था की तैनाती को बढ़ाने के लिए भी अनुरोध किया है. 

यह भी पढ़ें: 'अब तक FIR क्यों नहीं हुई?', जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उठाए सवाल

सूत्रों के अनुसार, जस्टिस यशवंत ऐसे भी इस बंगला में रहने के हकदार हैं. क्योंकि यह बंगला उन्हें तीन महीने के लिए आवंटित किया गया. जो कि अपवाद मामले बढ़ाया भी जा सकता है. इसका अधिकार मुख्य न्यायाधीश के अधीन होता है. 

Advertisement

इस स्थिति में कुछ मीडिया रिपोर्टों द्वारा दी गई जानकारी के पलट, यह कहना सही नहीं है कि जस्टिस यशवंत आवास खाली करने से इनकार कर रहे हैं.

जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उठाए सवाल

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार (17 अप्रैल) को जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से बड़े पैमाने पर कैश मिलने से जुड़े मामले पर टिप्पणी की. धनखड़ ने कहा, क्या कानून से विपरीत एक श्रेणी को अभियोजन से छूट हासिल है? हर संज्ञेय अपराध को पुलिस के पास दर्ज करना जरूरी है, और ऐसा न करना एक अपराध है. फिर भी इस मामले में अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई.' धनखड़ ने मामले की गहन जांच की मांग की.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement