दिल्ली के अधिकांश इलाके आज कल डेंगू और चिकनगुनिया की चपेट में हैं. पहाड़गंज की पुलिस कॉलोनी भी डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों का अड्डा बनी हुई है. कहने को तो ये पुलिस कॉलोनी है लेकिन यहां के हालात किसी आम कॉलोनी से भी बदतर हैं.
यहां के हर घर में लोग बीमार पड़े हैं. कई लोग एक हफ्ते से बीमार पड़े हुए हैं तो कईयों के घर में सभी लोग बीमार हैं. हर घर की यही कहानी है. बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक सब इन बीमारियों से प्रभावित हैं. लोग जोड़ों में दर्द, बुखार और शरीर पर रेशेस से बेहाल हैं.
मरीजों की हालत है खराब
सरकारी अस्पतालो में तो भीड़ के मारे एडमिशन तक नहीं मिल रहा. लिहाजा लोग प्राइवेट अस्पतालों और डॉक्टर से इलाज करवाने को मजबूर हैं. एक घर की ये सच्चाई है. रोहन पिछले 8 दिनों से चिकनगुनिया से तड़प रहा है. मां-बाप परेशान हैं. आरएमएल अस्पताल के इलाज से मन नहीं भरा तो बीएल कपूर ले जाकर इलाज करवाया ताकि बीमारी को सही समय पर काबू किया जा सके. इलाके के लोगों की यही स्थिति है बल्कि यूं कहे तो पूरी दिल्ली के लोगों के आज यही हालात हैं.
एमसीडी ने नहीं ली सुध
इस पूरे इलाके में लोगों की यही शिकायत है कि इस पूरे सीजन में एमसीडी की गाड़ी यहां झांकने तक नहीं आई. कुछ रोज पहले जब कोई स्पेशल अफसर आया तो एमसीडी वाले भी दिखावे के लिए चले आए.
पहले से तैयार नहीं दिल्ली
अब तक राजधानी में डेंगू और चिकनगुनिया से कई मौतें हो चुकी हैं. अब ऐसे में यही बड़ा सवाल है कि आखिर एमसीडी समय रहते इन बीमारियों के लिए तैयार क्यों नहीं रहता. और बीमारियों के इस दौर में सरकार अस्पतालों को तैयार क्यों नही रखती. बड़े-बड़े रिहायशी इलाकों को नजरअंदाज करने का ही नतीजा हैं जो दिल्ली में ये हालात पैदा हो जाते हैं.