इसके अलावा नोटिस में मांग की गई है कि धरने में जो पुलिस जवान शामिल हुए हैं, उनकी पहचान की जाए और कार्रवाई की जाए. साथ ही ये भी कहा गया है कि पुलिस का इस तरह से प्रदर्शन लोगों के मन में डर पैदा करता है, ये लोकतंत्र के लिए खतरा है. नोटिस में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने प्रदर्शन कर रहे जवानों पर कोई एक्शन नहीं लिया.
वकील वरुण ठाकुर ने भेजा है नोटिस
आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस के जवानों ने वकीलों के द्वारा किए जा रहे हमले के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था. जवानों ने मांग की थी कि उनके साथ बदसलूकी करने वाले वकीलों पर एक्शन लिया जाए, तीस हजारी कोर्ट हिंसा के दौरान जिन पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज किया गया है वो वापस लिया जाए.
प्रदर्शन कर रहे जवानों को संबोधित करने के लिए जब पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक आए थे, तब उन्होंने जवानों से शांति की अपील की थी और ड्यूटी पर लौट जाने को कहा था. हालांकि, पुलिस कमिश्नर की अपील के बाद भी काफी देर तक जवान प्रदर्शन करते रहे थे.
अमूल्य पटनायक ने जवानों को आश्वासन दिया था कि जो भी घटनाएं हुई हैं, उनकी जांच की जा रही है और सही एक्शन लिया जाएगा. हालांकि, जब करीब 10 घंटे के बाद जवानों की मांगों को मान लिया गया तब हड़ताल को खत्म कर दिया गया. बुधवार को दिल्ली पुलिस के जवान दोबारा अपने काम पर लौटे हैं.