दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को DU की पूर्व सहायक प्रोफेसर रितु सिंह के समर्थन में नॉर्थ कैंपस में विरोध प्रदर्शन के दौरान भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के एक समूह को हिरासत में ले लिया. वह कॉलेज प्रशासन द्वारा कथित जाति-आधारित भेदभाव और उत्पीड़न का विरोध कर रही हैं.
प्रदर्शनकारियों के पास नहीं है अनुमति
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, आजाद अपने समर्थकों और अन्य छात्रों के साथ नॉर्थ कैंपस में विरोध प्रदर्शन करने आए थे. प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया, क्योंकि उनके पास प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं थी. आजाद सहित लगभग 80 लोगों को हिरासत में लिया गया और बुराड़ी पुलिस स्टेशन ले जाया गया. उन्होंने कहा, कुछ घंटों के बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा.
'अधिकारी लगा रहे हैं प्रदर्शन पर रोक'
दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की सदस्य माया जॉन ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर और बाहर लोकतांत्रिक स्थान तेजी से सिकुड़ रहा है और यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है. आज जो हुआ वह सच में निंदनीय है... जिस तरह से अधिकारी विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगा रहे हैं, प्रतिरोध के लिए कोई लोकतांत्रिक जगह नहीं छोड़ रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि सभी लोकतांत्रिक ताकतों को प्रशासनिक अधिनायकवाद, दमन और जवाबदेही की कमी का सामूहिक रूप से विरोध करने के लिए एकजुट होना चाहिए.
चंद्र शेखर आजाद डीयू की पूर्व सहायक प्रोफेसर रितु सिंह के समर्थन में प्रदर्शन करने पहुंचे थे. रितु सिंह को डीयू के दौलत राम कॉलेज ने 2020 में बर्खास्त कर दिया था. फिलहाल यह मामला कोर्ट में है.