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आयुर्वेदिक दवा के नाम पर बेची जा रहीं थी नकली दवाइयां, दिल्ली पुलिस ने शुरू की जांच

दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगी के मामले में जांच शुरू की है, जिसमें एक आयुर्वेदिक कंपनी का नाम और प्रमोशनल वीडियो का दुरुपयोग किया गया. शिकायतकर्ता ने बताया कि नकली दवाएं बेचने के लिए उनकी कंपनी का नाम और वीडियो गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया.

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(सांकेतिक फोटो)
(सांकेतिक फोटो)

दिल्ली पुलिस ने एक आयुर्वेदिक कंपनी संन्यासी आयुर्वेद के नाम पर साइबर ठगी के मामले में जांच शुरू की है. कंपनी के एक डायरेक्टर की शिकायत पर यह जांच शुरू हुई, जिन्होंने आरोप लगाया कि उनके ब्रांड का प्रमोशनल वीडियो और नाम दुरुपयोग करके नकली आयुर्वेदिक दवाएं बेची जा रही हैं.

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शिकायतकर्ता ने बताया कि उनकी कंपनी भारत और विदेशों में जानी जाती है और वह सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता के लिए सोशल मीडिया और टीवी पर विज्ञापन प्रसारित करते हैं. 27 नवंबर को उनके छोटे भाई ने सोशल मीडिया पर उनकी कंपनी के नाम और वीडियो का इस्तेमाल करते हुए एक विज्ञापन देखा.

आयुर्वेद के नाम पर साइबर ठगी 

शिकायत के मुताबिक विज्ञापन का इस्तेमाल नकली दवाओं को बेचने के लिए किया जा रहा था. उनके भाई ने विज्ञापन में दिए गए नंबर पर कॉल किया, जहां टेली-कॉलर ने खुद को कंपनी का प्रतिनिधि बताया. उसी दिन उन्होंने 1,800 रुपये में दवा का ऑर्डर दिया, जो 1 दिसंबर को डिलीवर हुई.

शिकायतकर्ता ने बताया कि पैकेज पर भेजने वाले का पता नहीं था. हालांकि, कुरियर कंपनी से मिले पते के अनुसार यह पैकेज गाजियाबाद से भेजा गया था. दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा ने 27 दिसंबर को शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू की.

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आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस किया टीम का गठन 

पुलिस का कहना है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद कई टीमों का गठन किया गया है और मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. यह मामला संगठित अपराध और जालसाजी का है, जिसमें नकली दवाओं के जरिए समाज के लिए बड़ा खतरा पैदा किया जा रहा है.

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