
दिल्ली पुलिस ने राउज एवेन्यू कोर्ट में 2020 उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगे मामले में कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर मांग वाले याचिका का लिखित जवाब दिया. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि 2020 दंगे में कपिल को जानबूझकर फंसाने की साजिश रची गई थी. पुलिस के जांच में मिश्रा की कोई संलिप्तता साबित नहीं हुई.
दिल्ली पुलिस ने उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें दावा गया था कि कपिल मिश्रा की वजह से दिल्ली में दंगे भड़के. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि कपिल मिश्रा को जानबूझकर दंगों के मामले में फंसाने की साजिश रची गई थी.
चार्जशीट का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस बोली- सोशल मीडिया पर 'ArrestKapilMishra' हैशटैग के साथ सुनियोजित अभियान चलाया गया था. एक नैरेटिव गढ़ने की कोशिश की गई. कथित साजिशकर्ताओं के चैट रिकॉर्ड से साफ है कि मिश्रा को दंगों से जोड़ने का प्रयास किया गया. जांच में कोई भी सबूत नहीं मिला.
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दिल्ली पुलिस ने क्या दलीलें दी?
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि कपिल मिश्रा को फंसाने की साजिश पहले से ही चल रही थी. जब राजधानी में दंगे शुरू हुए, तब मिश्रा की भूमिका नहीं थी. हिंसा पहले ही भड़क चुकी थी. उनके बयान से पहले ही माहौल कई इलाकों में तनावपूर्ण था.
कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 20 मार्च को करेगी. संभावना है कि 20 मार्च को इस मामले पर फैसला सुनाया जाएगा. कोर्ट ने इस मामले में पिछले महीने अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
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बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हिंदू-मुसलमान के बीच फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़क गए थे. जिसमें 53 लोग मारे गए और 200 से अधिक जख्मी. ऐसा दंगा राजधानी ने दशकों से नहीं देखी थी. वहीं, 2025 में हुए विधानसभा चुनाव में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में आने वाली 6 विधानसभा सीटों में से आम आदमी पार्टी (आप) और बीजेपी को 3-3 सीट पर जीत मिली है.