दिल्ली के लाजपत नगर थाने के दो इंस्पेक्टर आपस में ही भिड़ गए. एक इंस्पेक्टर ने दूसरे को साइको करार दे दिया. इतना ही नहीं इंस्पेक्टर ने बाकायदा इस बारे में पुलिस की जनरल डायरी में एंट्री तक करवा ली. ये घटना लाजपत नगर थाने की है जो कि साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के अंतर्गत आता है. थाने के एसएचओ का नाम सत्य प्रकाश है और ATO रणबीर सिंह हैं. SHO सत्य प्रकाश के खिलाफ़ ATO रणबीर सिंह ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने थाने में मौजूद GD जनरल डायरी में एंट्री में लिखा है ''SHO साइको है, वो पावर का मिस यूज करते हैं. अभद्रता करते हैं.
ATO रणबीर सिंह ने मुताबिक, 22 सितंबर का रात में वह थाने में ही रुका था. 23 सितंबर की सुबह साढ़े नौ बजे उसे साकेत कोर्ट जाना था. मैं थाने के वॉशरुम में गया हुआ था. इसी बीज एसएचओ सर और ड्यूटी ऑफिसर के मेरे मोबाइल पर कॉल किया, जिन्हें मैं रिसीव नहीं कर पाया.
वॉशरूम मे बाहर आकर मैंने जब मिस्ड कॉल देखे तो तत्काल ही एसएचओ सर को कॉल किया. वह मुझसे ऊंची आवाज में बात करने लगे और बदतमीजी करने लगे. कहने लगे कि तुम जानबूझ कर मेरा फोन नहीं उठा रहे हो. मैंने SHO को वास्तविक कारण बताया कि मैं वॉशरूम में था इसलिए कॉल रिसीव नहीं कर पाया.
उपस्थित होते हुए भी लगाई मेरी एब्सेंट
इसके बाद मैंने साकेत कोर्ट के लिए रवानगी के लिए एएसआई दुष्यंत को फोन किया. उन्होंने मुझे बताया कि SHO साहब ने मेरी एब्सेंट लगाने का आदेश दिया है. मैंने एएसआई से कहा कि मैं पुलिस स्टेशन में मौजूद हूं. मैं डीओ कक्ष में भी गया, डीओ ने मुझे बताया कि थानेदार ने गुस्से में आकर गैर मेरी हाजिरी लगाने का आदेश दिया.
एसएचओ ने कहा- वह थाने के बॉस हैं
ATO रणबीर सिंह का कहना है कि थानेदार को अनुपस्थित रहने का कारण पूछने के लिए कई बार फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया. मैं कोर्ट रूम में SHO से मिला और एब्सेंट लगाने का कारण पूछा.उन्होंने मुझे बताया कि वह बॉस हैं, पुलिस स्टेशन के मालिक हैं कुछ भी कर सकते हैं
एसएचओ कर रहे हैं शक्तियों का दुरुपयोग
ATO रणबीर सिंह ने कहा है कि SHO सर हर मुद्दे पर आक्रामक और हताश हो गए हैं. वह मनोरोगी हो गए हैं. उन्हें इलाज की जरूरत है. एसएचओ द्वारा अपने सहयोगियों से दुर्व्यवहार किया जा रहा है. वह अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं. सहयोगियों के प्रति गैर-पेशेवर रवैया अपना रहे हैं.