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किरण बेदी बोलीं- नेतृत्व को जिम्मेदारी और कठोर फैसला लेने चाहिए

दिल्ली में पुलिस और वकीलों के विवाद पर पूर्व आईपीएस अफसर और पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने कहा कि नेतृत्व एक चरित्र है जो जिम्मेदारी लेता है और कठोर निर्णय लेता है.

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पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी (फाइल फोटो)
पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी (फाइल फोटो)

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  • किण बेदी ने वकील-पुलिस विवाद कर किया ट्वीट
  • कहा- नेतृत्व एक चरित्र है जो कठोर निर्णय लेता है
  • सीधे पुलिस प्रकरण पर बोलने से किया इनकार

दिल्ली में पुलिस और वकीलों के विवाद पर पूर्व आईपीएस अफसर और पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने इशारों इशारों में निशाना साधा. किरण बेदी ने कहा कि नेतृत्व एक चरित्र है जो जिम्मेदारी लेता है और कठोर निर्णय लेता है. इस समय निर्णय लेना चाहिए. ये कठिन समय चला जाएगा. स्मृतियों में कठिन कानून रहेंगे. इससे पहले किरण बेदी ने दिल्ली पुलिस का समर्थन करते हुए कहा कि पुलिस अपने रुख पर दृढ़ता से कायम रहे चाहे नतीजा कुछ भी हो.

दरअसल दिल्ली पुलिस के लोग मंगलवार को 'वी वांट जस्टिस' और 'हमारा सीपी (पुलिस कमिश्नर) कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो' के नारे लगा रहे थे. उन्होंने अपने वरिष्ठों के शांत करने की कोशिश को नकार दिया, क्योंकि वे एक दिन पहले अपने सहयोगियों की वकीलों द्वारा पिटाई किए जाने पर अपना गुस्सा निकालने के लिए जमा हुए थे.

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आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर जमा हुए सैंकड़ों पुलिसकर्मियों ने पूरी तरह सड़क जाम कर लिया और व्यस्त चौराहे पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट रुक गया. इसमें महिलाएं भी वर्दी और सादे कपड़ों में थीं.

उनके साथ पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब के पुलिसकर्मी भी शामिल हो गए. इसमें सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी भी थे. वे शनिवार को हुई हिंसा के बाद साकेत व तीस हजारी कोर्ट में कुछ वकीलों द्वारा पुलिसकर्मियों को पीटे जाने पर नाराजगी जाहिर कर रहे थे. शनिवार को कथित तौर पर पार्किंग विवाद को लेकर पुलिस व वकीलों के बीच हिंसा हुई, जिसमें दोनों पक्षों को चोटें आईं.

जैसे ही संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिण रेंज) देवेश श्रीवास्तव ने विरोध प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों से बातचीत शुरू की, उन्होंने शोरगुल करना शुरू कर दिया और 'गो बैक, गो बैंक' के नारे लगाने लगे.

देवेश श्रीवास्तव ने भरोसा दिया कि उनकी सभी मांगें पूरी की जाएंगी और साकेत व तीस हजारी कोर्ट की घटनाओं के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने यह भी वादा किया कि विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वालों के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी.

जनता से समर्थन की अपील करता हुआ दिल्ली पुलिस का बैनर आईटीओ पुलिस मुख्यालय के बाहर लगा था. इस पर लिखा था कि विद यू फॉर यू आलवेज साथ ही में लिखा था लेकिन इस बार हमें आपकी मदद की जरूरत है.

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क्यों उठी किरण बेदी की मांग?

21 जनवरी 1988 को एक विवाद के बाद कुछ वकील किरण बेदी से उनके दफ्तर में मिलना चाहते थे. उस दौरान किरण बेदी का दफ्तर तीस हजारी कोर्ट कॉम्पलेक्स में ही मौजूद था. तब उन्होंने लाठी चार्ज का आदेश दे दिया गया. इसमें कई वकील घायल हो गए थे.

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