दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में कथित राष्ट्रविरोधी नारेबाजी केस में नया मोड़ सामने आया है. पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जिस वीडियो के आधार पर देशविरोधी नारेबाजी का आरोप लगा है, शुरुआती जांच में लगता है कि उससे छेड़छाड़ की गई होगी.
स्टेटस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि वीडियो से छेड़छाड़ कर उसमें उमर खालिद की पुरानी क्लिप्स का इस्तेमाल किया गया. स्टेटस रिपोर्ट में क्राइम ब्राच ने 21 और 22 फरवरी के घटनाक्रम को सिलसिलेवार तरीके से लिखा गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रामजस कॉलेज में होने वाला फेस्ट रद्द होने पर भारत विरोधी नारेबाजी के आरोप हैं.
क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट में कहा गया है कि रामजस कॉलेज में आजादी के कई नारे लगे. रिपोर्ट में बताया गया कि 21 फरवरी को दोपहर करीब 1.30 बजे नारेबाजी की गई. रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान ''हम क्या मांगे आजादी', कश्मीर मांगे आजादी, बस्तर मांगे आजादी, ये प्यारी-प्यारी आजादी, ये सुंदर वाली आजादी, पुलिस तुम बाहर जाओ, हमारा उमर वापस लाओ'' जैसे नारे लगाए गए.
हालांकि, क्राइम ब्रांच के मुताबिक अभी इस मामले की जांच चल रही है. अभी उपलब्ध वीडियो की और फॉरेंसिक जांच की जानी है. साथ ही क्राइम ब्रांच ने मीडिया से भी घटना की फुटेज मांगी है.
बता दें कि रामजस कॉलेज में 21 फरवरी को 'कल्चर ऑफ प्रोटेस्ट' के नाम से एक सेमिनार का आयोजन किया गया था. इस सेमिनार में शामिल होने के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र उमर खालिद और शेहला राशिद को बुलाया गया था. मगर एबीवीपी ने इसका विरोध किया. जिसके बाद फेस्ट रद्द कर दिया गया. इसके बाद लेफ्ट संगठनों ने इसके विरोध में रामजस कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान वहां मौजूद एबीवीपी और आइसा के छात्रों के बीच जमकर झड़प और मारपीट भी हुई. साथ ही ये भी आरोप लगा कि लेफ्ट संगठनों से जुड़े छात्रों ने वहां देश विरोधी नारे लगाए.