दिल्ली पुलिस को पशु-तस्करी गिरोह के सरगना को पकड़ने के लिए एक नहीं बल्कि चार शहरों के 900 सीसीटीवी कैमरे स्कैन करने पड़े. इसके बाद आरोपी को 36 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सड़कों पर लगे कम से कम 900 सीसीटीवी कैमरों को स्कैन करना पड़ा.
उन्होंने बताया कि हरियाणा के सदर निवासी 36 वर्षीय मुस्तफा को बेगमपुर पुलिस थाने की एक टीम ने 26 दिसंबर को करनाल से गिरफ्तार किया. डीसीपी (रोहिणी) गुरइकबाल सिंह सिद्धू के मुताबिक, मुस्तफा पहले दिल्ली, एनसीआर और हरियाणा में मवेशियों की तस्करी और चोरी सहित 16 आपराधिक मामलों में शामिल था.
पीटीआई के मुताबिक एक नवंबर को बेगमपुर इलाके में पशु लूट का मामला दर्ज किया गया था. शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने उसके घर से बंदूक की नोक पर उसकी तीन भैंस और तीन बछड़े लूट लिए. शिकायत के बाद उत्तराखंड के हरिद्वार निवासी एक कथित सादिक को गिरफ्तार किया गया और उसके कब्जे से दो भैंसों को छुड़ाया गया. इसके अलावा, उसके पास से 24,780 रुपये भी बरामद किए गए, जो उसे एक भैंस बेचने के बाद मिले थे.
लगातार पूछताछ करने पर सादिक ने खुलासा किया कि वह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सक्रिय पशु-तस्कर गिरोह का सदस्य है. उसने गिरोह के सरगना का नाम मुस्तफा भी बताया. बेगमपुर पुलिस स्टेशन की टीम ने दिल्ली, हरियाणा, यूपी और उत्तराखंड में लगभग 530 किलोमीटर तक फैले 900 से अधिक सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया, जो मुस्तफा और उसके गिरोह के भागने के रास्ते के रूप में काम करते थे.
पुलिस अधिकारी ने बताया, "एक महीने से अधिक के निरंतर प्रयासों के बाद, हमारी टीम मुस्तफा को पकड़ने में कामयाब रही. उसने खुलासा किया है कि वह 10 सदस्यों के साथ अपना गिरोह चला रहा था. मुस्तफा की गिरफ्तारी से पशु तस्करी के तीन अन्य मामले भी सुलझ गए हैं.