राजधानी में पुलिस पेट्रोलिंग को दुरूस्त करने के लिए पुलिस ने जीपीएस सिस्टम का सहारा लिया है. इसके जरिए पुलिस अपने पेट्रोलिंग ऑफिसर्स की हर हरकत पर नज़र रख सकेगी, साथ ही क्राइम के बढ़ते ग्राफ को भी कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. दिल्ली में बढ़ते अपराध पर नकेल कसने के लिए पुलिस अब अपने अंदर की खामियों को दुरुस्त करने में जुट गई है. इसके तहत नॉर्थ दिल्ली की पेट्रोलिंग बाइक्स में जीपीएस लगे हैं जिनका कनेक्शन सीधे डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम से होगा.
कैसे काम करेगा ये सिस्टम - इलाके में निकली हुई बाइक अगर पेट्रोलिंग कर रही है तो कंट्रोल रूम में उसका रंग हरा होगा. बाइक रुक गई या फिर उसमें कोई खराबी आई है तो वो उसका रंग लाल हो जाएगा. और अगर जीपीएस सिस्टम के साथ छेड़छाड़ की गई तो इसका रंग नारंगी हो जाएगा.
इस सिस्टम के तहत पेट्रोलिंग बाइक की लोकेशन पर लगातार नज़र रहेगी. इसकी रेंज भी फिक्स है. जैसे ही कोई बाइक अपने इलाके से बाहर जाती है तो तुरंत एक अलर्ट मैसेज इलाके के एसएचओ औऱ एसीपी के पास पहुंच जाएगा. पुलिस का मानना है कि इससे लोगों में पुलिस की मौजूदगी औऱ भरोसा कायम होगा. इस सिस्टम के जरिए पेट्रोलिंग बाइक के अलावा बीट कॉन्स्टेबल पर भी नज़र रखी जा सकेगी. फिलहाल ये सिस्टम टेस्ट ड्राइव के तौर पर डिस्ट्रिक्ट की 30 बाइक्स में लगाया गया है. आने वाले वक्त में इसे सभी पेट्रोलिंग बाइक में लगाया जाएगा.