पेट्रोल पंप पर खड़े बाइकर्स की नजर आपकी नंबर प्लेट पर है. इसे लेकर आप सावधान हो जाएं. जब आप अपने नजदीकी पेट्रोल पंप पर अपने वाहन की टंकी फुल करवा रहे होंगे, उसी समय कुछ बाइक सवार आपकी नंबर प्लेट देख रहे होंगे. दिल्ली के परिवहन विभाग के विशेष बाइकर्स दिल्ली की सड़क पर चलने वाले प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को पकड़ने के लिए ड्यूटी पर हैं. स्पेशल ऐप में आपके वाहन का नंबर फीड करने में केवल कुछ सेकंड लगते हैं, जहां वे जांच सकते हैं कि वाहन के पास वैध प्रदूषण जांच (पीयूसी) प्रमाणपत्र है या नहीं. जैसे ही उन्हें लगता है कि नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है वे नंबर प्लेट की तस्वीर लेने के लिए अपनी बाइक से वाहन का पीछा भी कर सकते हैं. इसके बाद फोटो के साथ अधिकतम 10 हजार रुपये जुर्माने का चालान आपके पते पर पहुंच जाएगा.
कई एजेंसियां कर रहीं काम
चूंकि दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का मौसम शुरू हो गया है, इसलिए कई एजेंसियां दिल्ली की हवा को कम प्रदूषित बनाने के लिए काम कर रही हैं, वे उन लोगों पर भी नजर रख रही हैं जो नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं. निशाने पर वे वाहन हैं जो यातायात नियमों का उल्लंघन कर प्रदूषण फैला रहे हैं और कानूनों का भी पालन नहीं कर रहे हैं.
दिल्ली का परिवहन विभाग वाहन प्रदूषण को रोकने के लिए चार-स्तरीय रणनीति पर काम कर रहा है. सौ से अधिक टीमें ऐसी गतिविधियों पर चौबीसों घंटे नजर रख रही हैं जो राजधानी में पहले से ही अत्यधिक प्रदूषित हवा को और खराब कर रही हैं. दिल्ली के परिवहन विभाग ने विभिन्न स्थानों पर सड़क के नियमों को लागू करने के लिए चार प्रकार की टीमें बनाई हैं.
उल्लंघन करने वाले वाहनों पर नजर रखने के लिए प्लानिंग
पहले अभ्यास में 18 टीमें शामिल हैं जिन्हें दिल्ली की अंतरराज्यीय सीमाओं पर तैनात किया जा रहा है. इन सभी टीमों को आम तौर पर रात में ओवर-लोडेड वाहनों की जांच के लिए तैनात किया जा रहा है. प्रत्येक टीम को एक चार पहिया वाहन उपलब्ध कराया गया है जो उन्हें हर रात 8 बजे से सुबह 4 बजे के बीच सीमा क्षेत्रों की निगरानी करने में मदद करता है. कई सीमावर्ती क्षेत्र दिल्ली के प्रदूषण हॉटस्पॉट जैसे नरेला, बवाना, पंजाबी बाग आदि से सटे हुए हैं.
दूसरी प्रकार की टीम को बसों पर नजर रखने के लिए अंतर-राज्य बस टर्मिनलों (आईएसबीटी) पर तैनात किया जा रहा है. जो खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और प्रदूषण फैला रहे हैं. ऐसी 16 टीमों को राजधानी के सबसे भीड़भाड़ वाले इलाकों जैसे आनंद विहार, कश्मीरी गेट, सराय काले खां आदि में अंकुश लगाने के लिए एक-एक चार पहिया वाहन दिया गया है. ये टीमें शाम 4 बजे अपना अभियान शुरू करती हैं और आधी रात तक काम करती हैं.
दिल्ली के सबसे प्रदूषित 22 हॉटस्पॉट पर नजर
44 लोगों की सबसे बड़ी टीम दिल्ली के सबसे प्रदूषित 22 हॉटस्पॉट पर नजर रखती है. ये टीमें दो अलग-अलग शिफ्ट में काम करती हैं- पहली शिफ्ट सुबह 4 बजे शुरू होती है और दोपहर तक काम करती है जबकि दूसरी शिफ्ट दोपहर से शाम 8 बजे तक काम करती है. इनमें से ज्यादातर टीमें रिंग रोड और आउटर रिंग रोड पर ट्रैफिक पर नजर रखती हैं ताकि वाहनों से ट्रैफिक नियमों का पालन कराया जा सके. चौथे प्रकार की टीमें 30 की संख्या में होती हैं और दोपहिया वाहन पर निगरानी रखती हैं. उनके पास पीयूसीसी उल्लंघनों की जांच करने का सबसे कठिन काम है. ये बाइकर्स सुबह 9 बजे से काम करना शुरू कर देते हैं जो कि ऑफिस का सबसे व्यस्त समय होता है और शाम 6 बजे तक काम करते हैं जब ऑफिस का समय खत्म हो जाता है.
इन चार प्रकार की टीमों के अलावा, 6 पर्यवेक्षी टीमों को भी तैनात किया जा रहा है जो इन सभी टीमों के कार्यों पर नज़र रखें और यदि वे काम करने में विफल रहते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है.
अक्टूबर के पहले तीन हफ्तों के दौरान हजारों चालान काटे गए
प्रदूषण का मौसम अक्टूबर में शुरू होता है और इसलिए ये टीमें 1 अक्टूबर से बड़े पैमाने पर काम कर रही हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि उन्होंने नियमों का उल्लंघन करने वाले कई वाहनों पर जुर्माना लगाया है. इस महीने के पहले तीन हफ्तों के दौरान उन वाहनों के खिलाफ 3922 चालान जारी किए गए जो बिना किसी पीयूसी सर्टिफिकेट के चल रहे थे. नो पार्किंग क्षेत्र में वाहन पार्क करने जैसे पार्किंग नियमों का उल्लंघन करने पर 6640 वाहनों का चालान किया गया है. जबकि 246 वाहनों पर ओवर लोडिंग का मामला दर्ज किया गया है.