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दिल्ली में दीपावली के बाद की सुबह प्रदूषण का गंभीर खतरा लेकर आई है. दिल्ली-एनसीआर में रातभर की आतिशबाजी के बाद हवा की क्वालिटी बताने वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) वैरी पुअर (बहुत खराब) की कैटेगरी में पहुंच गया है. देर रात को आतिशबाजी की वजह से दिल्ली का एक्यूआई रेड जोन में चला गया.
दिल्ली में हवा की क्वालिटी पिछले 36 घंटे में कैसे बदली इसे आंकड़ों से समझा जा सकता है. रविवार की शाम को दिल्ली का औसत AQI 259 था. ये दिवाली से पहले दिल्ली में पिछले सात सालों की सबसे शुद्ध हवा थी. 2018 में दिवाली के दिन दिल्ली का AQI 281 रिकॉर्ड किया गया था.
ऐसे खराब होता चला गया AQI
लेकिन इस साल जैसे जैसे दिवाली की शाम नजदीक आई AQI खतरनाक होता चला गया. सोमवार सुबह 8 बजे दिल्ली का AQI बढ़कर 301 हो गया. मंगलवार सुबह को दिल्ली का औसत AQI 323 पर चला गया. हालांकि दिल्ली के अलग अलग इलाकों की बात करें तो सुबह AQI 360 के पार था. कई जगहों पर आकंड़ा तो 400 के पार कर गया. दिल्ली को प्रदूषण से राहत देने में हवाओं के रूख का योगदान रहा, जो पटाखों से निकले धुएं को दिल्ली से बहाकर बाहर ले गई.
सोमवार रात जहरीली हो गई हवा
सोमवार की रात तो दिल्ली की हवा सामान्य से 10 गुणा ज्यादा प्रदूषित थी. दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी के रियल टाइम डेटा के मुताबिक दिल्ली के जहांगीरपुरी में दिवाली की रात यानी कि सोमवार रात 10.30 बजे सामान्य से हवा 10 गुना ज़्यादा प्रदूषित थी. इस दौरान जहांगीरपुरी का AQI 770 तक पहुंच गया था. आरके पुरम में रात को AQI 863 पर चला गया. ये डाटा स्वीकृत सीमा से पंद्रह गुना ज्यादा है. रोहिणी में पांच बजे एक्यूआई 55 था. ये रात नौ बजे बढकर 354 हो गया. अशोक विहार में भी हालात लगातार बिगडे रहे यहां पर चार घंटे के भीतर एक्यूआई 62 से बढकर 400 हो गया.
बता दें कि शून्य से 50 के बीच AQI को अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है.
मंगलवार सुबह साढ़े 6.30 बजे की बात करें तो दिल्ली एनसीआर के प्रमुख स्थानों में AQI इस तरह रिकॉर्ड किया गया. दिल्ली के मथुरा रोड में AQI 322, नोएडा में 342, दिल्ली एयरपोर्ट पर 354, दिल्ली यूनिवर्सिटी पर 365, दिल्ली आईआईटी 354, आयानगर में 306 रिकॉर्ड किया गया.
हवाओं ने दी राहत
सोमवार शाम होते ही दिल्ली के कई इलाकों में प्रतिबंध के बावजूद पटाखे चलने शुरू हो गए थे. दिल्ली में हवा की स्थिति और भी खराब हो सकती थी लेकिन हवाओं के रूख ने दिल्ली-एनसीआर को राहत दे दी. सोमवार दिल्ली में मंद मंद हवा चल रही थी. इसलिए पटाखों से निकले धुएं दिल्ली के आसमान में नहीं टिक पाए और हवा के साथ बहकर बाहर चले गए.
मौसम विभाग के अनुसार आधी रात को दिल्ली के ज्यादातर जगहों पर प्रदूषण स्तर पीक पर पहुंच गया था. लेकिन 1 बजे रात के बाद प्रदूषण स्तर कम होना शुरू हो गया. आंकड़ों से पता चलता है कि राजधानी के लगभग सभी स्टेशनों में पटाखों के कारण रात 8 बजे से 1 बजे के दौरान प्रदूषण स्तर में तेज वृद्धि देखी गई.