राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की समस्या गंभीर है. दिल्ली के आसपास के राज्यों में प्रदूषण की समस्या को लेकर आम आदमी पार्टी (एएपी) ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. AAP ने केंद्र सरकार पर ठोस कदम नहीं उठाने के आरोप लगाए हैं. AAP प्रवक्ता आतिशी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर चार सवाल भी दागे हैं. AAP का कहना है कि वो पूरे मामले में लीगल एक्शन लेने की तैयारी कर रही है और जल्द ही इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्री से संपर्क भी करेगी.
AAP दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रवक्ता आतिशी ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के दो स्रोत हैं- एक दिल्ली का प्रदूषण और दूसरा बाहर से आने वाला प्रदूषण. इसकी हिस्सेदारी 60 फीसदी है. आतिशी ने दावा किया कि दिल्ली सरकार के प्रयास से 25 फीसदी प्रदूषण कम हुआ. ईवी पॉलिसी लेकर आए हैं. थर्मल पॉवर प्लांट बंद किया, पराली का समाधान निकाला. ग्रीन दिल्ली एप के जरिए काम कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार बाहर से आने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कदम क्यों नहीं उठाती है.
आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बार-बार केंद्र को लिखा कि इस पर सख्त कार्रवाई हो. आदित्य दुबे नाम के आदमी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया. इसे लेकर केंद्र सरकार ने ऑर्डिनेंस के माध्यम से 28 अक्टूबर 2020 को नेशनल एयर क्वालिटी कमीशन का गठन किया. उन्होंने आगे कहा कि नेशनल एयर क्वालिटी कमीशन के तहत प्रदूषण फैलाने के दोषियों को पांच साल तक के लिए जेल भेजने तक का अधिकार मिला, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया. हमने जब कमीशन से मिलने की कोशिश की तो पता चला कि कमीशन को ऑफिस तक अलॉट नहीं हुआ है.
आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता ने कहा कि नियम के मुताबिक ऑर्डिनेंस आने के 6 महीने के भीतर संसद में उसका बिल रखना होता है, लेकिन बजट सत्र में यह बिल संसद में पेश नहीं हुआ और वो बिल लैप्स हो गया. आतिशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जो एक मात्र कदम केंद्र ने प्रदूषण के मुद्दे पर अन्य राज्यों पर एक्शन लेने वाला उठाया था, वो भी अब लैप्स हो गया है. आतिशी ने केंद्र सरकार पर चार सवाल दागे.